नई दिल्ली : भारत की प्रमुख इलेक्ट्रिक स्कूटर निर्माता कंपनी ओला इलेक्ट्रिक ने अपनी वाहन पंजीकरण एजेंसियों के साथ समझौते की शर्तों पर फिर से बातचीत करने की योजना की घोषणा की. इस कदम का उद्देश्य पंजीकरण प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी और किफायती बनाना है.
ओला इलेक्ट्रिक ने स्पष्ट किया कि यह पुनः बातचीत पंजीकरण आंकड़ों को प्रभावित करेगी, लेकिन इसका असर कंपनी की वास्तविक बिक्री पर नहीं पड़ेगा. कंपनी ने बताया कि फरवरी 2025 में सरकार के ‘वाहन’ मंच पर पंजीकरण के आंकड़े अस्थायी रूप से प्रभावित हो सकते हैं.
कंपनी ने कहा, ‘‘हम अपनी एजेंसियों, रोसमेर्टा डिजिटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड और शिमनीत इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ पंजीकरण प्रक्रिया में सुधार और लागत कम करने के लिए समझौते की शर्तों पर पुनः बातचीत कर रहे हैं. इन बातचीतों का परिणाम फरवरी 2025 में पंजीकरण आंकड़ों में अस्थायी गिरावट के रूप में दिखाई दे सकता है, लेकिन हमारी बिक्री पर कोई असर नहीं पड़ेगा.’’
ओला इलेक्ट्रिक का कहना है कि इस कदम का उद्देश्य पंजीकरण प्रक्रिया की दक्षता में सुधार करना और लागत में कमी लाना है. कंपनी ने शेयर बाजार को जानकारी दी है कि यह प्रक्रिया पंजीकरण के आंकड़ों को प्रभावित कर सकती है, लेकिन कंपनी की बिक्री और कारोबार पर इसका कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं होगा.
ओला इलेक्ट्रिक ने बताया कि पंजीकरण प्रक्रिया में सुधार के साथ-साथ एजेंसियों के साथ समझौते की शर्तों पर पुनः बातचीत से कंपनी को लागत बचत में मदद मिलेगी. कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हम यह सुनिश्चित करेंगे कि पंजीकरण प्रक्रिया में कोई बाधा न आए और बाजार में हमारे उत्पादों की उपलब्धता पर कोई असर न हो.’’
ओला इलेक्ट्रिक ने यह भी बताया कि पंजीकरण प्रक्रिया को अनुकूलित करने के बाद, कंपनी की बिक्री की गति पर कोई नकारात्मक असर नहीं होगा. कंपनी ने आश्वस्त किया कि भविष्य में जब यह प्रक्रिया पूरी तरह से सुव्यवस्थित हो जाएगी, तो पंजीकरण आंकड़ों में सुधार होगा.