लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को उम्मीद जताई कि चुनावी हार से हताश विपक्ष बजट सत्र में व्यवधान नहीं डालेगा, बल्कि विधायी कार्यवाही के सुचारू संचालन में सकारात्मक योगदान देगा.
बजट सत्र (2025-26) की शुरुआत से पहले पत्रकारों से बात करते हुए आदित्यनाथ ने कहा कि राज्यपाल का अभिभाषण और बजट पेश करना महत्वपूर्ण आयोजन हैं, जहां विपक्ष सहित हर सदस्य अपने विचार प्रभावी ढंग से रख सकता है. उन्होंने कहा, "आरोप लगाने या असंसदीय आचरण से समस्याओं का समाधान नहीं हो सकता." मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार विपक्ष द्वारा उठाए गए किसी भी मुद्दे का तथ्यात्मक जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है.
उन्होंने कहा कि सभा को आधारहीन आरोपों या अनियंत्रित आचरण से प्रभावित होने के बजाय सार्थक चर्चा के लिए एक मंच के रूप में काम करना चाहिए. आदित्यनाथ ने विश्वास व्यक्त किया कि राज्यपाल का अभिभाषण विपक्ष की ओर से अनुशासित और रचनात्मक दृष्टिकोण की शुरुआत करेगा. उन्होंने कहा, "हम आशा करते हैं कि विपक्ष और सभी सदस्य इस तरह से आचरण करेंगे जिससे लोकतांत्रिक मूल्यों में जनता का विश्वास मजबूत हो."
मुख्यमंत्री ने कहा कि सत्र की शुरुआत राज्यपाल के अभिभाषण से होगी, जिसके बाद उस पर चर्चा होगी. उत्तर प्रदेश का 2025-26 का बजट 20 फरवरी को पेश किया जाएगा. उन्होंने कहा कि 18 फरवरी से 5 मार्च तक चलने वाले इस सत्र में राज्य बजट पारित करने, अनुदानों पर विचार-विमर्श तथा लोक कल्याण और विकास के मुद्दों पर चर्चा सहित प्रमुख विधायी कार्य शामिल होंगे.
आदित्यनाथ ने इस बात पर प्रकाश डाला कि उत्तर प्रदेश के इतिहास में शायद ही कभी विधानसभा इतनी लंबी अवधि के लिए बुलाई गई हो. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कार्यवाही का सुचारू संचालन सुनिश्चित करना केवल सत्तारूढ़ दल की ही जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि विपक्ष की भी जिम्मेदारी है. उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘सदन चर्चा और बहस का मंच होना चाहिए.’’
मुख्यमंत्री ने पिछले आठ वर्षों में भाजपा के नेतृत्व वाली डबल इंजन सरकार के तहत राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर उत्तर प्रदेश की छवि में आए महत्वपूर्ण बदलाव की ओर भी ध्यान दिलाया. उन्होंने कहा, "ये उपलब्धियां राज्यपाल के अभिभाषण और विधानसभा चर्चाओं में परिलक्षित होंगी." मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां उत्तर प्रदेश विश्व स्तर पर आकर्षण का केन्द्र बनकर उभर रहा है, वहीं हताश विपक्ष अक्सर ऐसे घटनाक्रमों पर चर्चा से बचने का प्रयास करता है.
उन्होंने विपक्ष से रचनात्मक बहस में शामिल होने का आग्रह किया और कहा कि यदि वे सकारात्मक योगदान दें तो बजट सत्र अत्यधिक उत्पादक हो सकता है.
5 मार्च तक चलने वाला यह सत्र सदस्यों को राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा करने, प्रमुख मुद्दों को उठाने, सामान्य एवं अनुदान मांगों पर विचार-विमर्श करने तथा महत्वपूर्ण विधायी प्रस्तावों को पारित करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा.
इस बातचीत के दौरान उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक, कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना और धर्मपाल सिंह तथा मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह भी मौजूद थे.