Parliament Security Breach: 13 दिसम्बर को संसद हमले की 22 वीं बरसी पर नए संसद भवन मे दहशत फैलाने की कोशिश करने वाले सभी पाँच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. मास्टर माइंड आरोपी ललित झा ने खुद दिल्ली के कर्तव्य पथ थाने में सरेंडर कर दिया. पहले गिरफ्तार किये सभी आरोपियों को पुलिस रिमांड मे लेकर पूछताछ कर रही है. इसी बीच पुलिस की जांच में जो जानकारी सामने आ रही है, वो बेहद चौकाने वाली है. जैसे-जैसे पुलिस की जांच आगे बढ़ रही है , वैसे-वैसे ये गुत्थी और उलझती ही जा रही है. जानकारी के अनुसार, पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ यूएपीए एक्ट के तहत मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दिया है.
सभी आरोपी एक फैन क्लब से जुड़े थे
पुलिस की जांच में ये सामने आया है कि ये सभी आरोपी सोशल मीडिया पर भगत सिंह फैन क्लब के नाम के एक पेज से जुड़े थे. संसद में घुसने की प्लैनिंग ये सभी करीब डेढ़ साल से कर रहे थे. सभी आरोपी डेढ़ साल पहले ही अफली बार मैसूर में एक-दूसरे से मिले थे. इसके बाद जब ये सब दूसरी बार मिले तो इन्होंने मिलकर संसद कांड की पूरी प्लैनिंग की.
बजट सत्र के दौरान किया था संसद की रेकी
शीतकालीन सत्र के दौरान संसद में हुई घुसपैठ एक सोची समझी साजिश थी. इसके लिए बाकायदा आरोपियों ने संसद की रेकी भी की थी. गिरफ्तार पाँच आरोपियों मे से एक मनोरंजन डी ने मार्च में बजट सत्र के दौरान संसद की रेकी की थी. इसके बाद फिर दूसरी बार जुलाई मे सागर शर्मा ने संसद भवन की रेकी थी. इस दौरान आरोपियों को ये पता चल कि संसद में जूतों की जांच ठीक से नहीं होती है. इसके बाद ही उन्होंने 13 दिसम्बर की साजिश रची. सभी आरोपी 10 दिसम्बर को ही दिल्ली पहुचें थे.
घटना का मास्टर माइंड ललित झा से गुरुग्राम में मिले सभी आरोपी
माना जा रहा है इस घटना का मास्टर माइंड ललित झा ही है. सभी आरोपी तय प्लान के अनुसार, 10 दिसम्बर को दिल्ली पहुचें थे. उस रात ही सभी गुरुग्राम स्थित विक्की के घर पहुँचें थे. यहीं पर ललित झा सभी आरोपियों से मिला था. ललित झा के कहने पर ही 13 दिसम्बर की तारीख तय की गई थी. जानकारी के अनुसार, जिस समय सभी आरोपी संसद के अंदर मौजूद थे , उस समय ललित झा संसद के बाहर मौजूद था और घटना की विडिओ बना रहा था. ललित झा ने इस स्मोक बॉम्ब अटैक का विडिओ सोशल मीडिया पर शेयर किया था. इस घटना के पीछे क्या मंशा है, पुलिस इसकी जांच मे जुटी है.
घटना से पहले सभी आरोपी इंडिया गेट पर मिले
तय प्लान के अनुसार, सभी आरोपी घटना वाले दिन यानि 13 दिसम्बर की सुबह करीब 9 बजे मैसूर से बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा के पीए से विजिटर्स पास लिया. इसके बाद सभी आरोपी इंडिया गेट पर मिले जहां सभी को कलर वाला कैन्डल दिया गया. बात दें कि ये कलर वाला पटाखा आरोपी अमोल शिंदे महाराष्ट्र से लेकर आया था. इसके बाद करीब 12 बजे के आस-पास ललित झा को छोड़कर सभी आरोपी संसद भवन के अंदर प्रवेश कर गये। और फिर करीब 1 बजकर 1 मिनट उन्होंने सदन मे घटना को अंजाम दिया. इस दौरान दो आरोपी सदन के भीतर मौजूद थे, जबकि दो सदन के बाहर. वहीं ललित झा संसद के बाहर था.
ललित झा ने सभी आरोपियों के मोबाईल अपने पास रख लिए थे. जब आरोपी संसद भवन के अंदर घिर गये और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया तो, ललित झा सभी का मोबाईल लेकर भाग गया. ललित झा की गिरफ़्तारी के बाद पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, संसद के बाहर खड़े होकर वो घटना की विडिओ बना रहा था और किसी के साथ शेयर भी कर रहा था. इसके साथ ही पुलिस को ये शक है कि आरोपियों की मोबाईल से अहम सुराग मिल सकते हैं.