Parliament Security Breach: कल यानी 13 दिसंबर को जब देश संसद भवन पर हुए हमले की 22 वीं बरसी मना रहा था, संसद की सुरक्षा में अपने प्राण न्यौछावर करने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि दे रहा था. तब एक बार फिर इसी तरह की एक घटना को अंजाम देने की कोशिश की गयी. हालाँकि वहां मौजूद सांसदों की सूझ-बुझ से मामला संभल गया. लेकिन ये घटना अपने पीछे बड़े सवाल छोड़ गयी है. सवालों की फेहरिस्त काफी लम्बी है, और उसमे एक सवाल ये भी है कि संसद हमले के ठीक 22 साल बाद इस तरह की घटना किसी बड़े घटना की प्लानिंग तो नहीं?
जब अचानक दर्शक-दीर्घा से कूदे दो युवक
देश की नयी संसद में कल यानी बुधवार को जब शीतकालीन सत्र चल रहा था, उसी दौरान सदन के भीतर अफरा-तफरी का माहौल हो गया. सत्र के दौरान शून्यकाल चल रहा था. कुछ ही मिनट बाकी थे. तभी अचानक दर्शक दीर्घा से दो युवक आगे कूद पड़ते हैं. इस दौरान स्पीकर की कुर्सी पर भाजपा सांसद राजेंद्र अग्रवाल बैठे थे. जैसे ही दोनों युवक दर्शक दीर्घा से कूदे सुरक्षा कर्मी तुरंत एक्टिव हो गए. सभापति ने तुरंत ही सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया. अगले ही पल दोनों युवक को सदन की बेंच को लांघते हुए देखा गया. वहां मौजूद सांसद जब तक कुछ समझ पाते , तब तक आरोपी युवक एक-एक बेंच को लांघते हुए आगे बढ़ता है. इस घटना से वहां मौजूद सांसदों की जान हलक में आ गयी. वो कुछ समझ ही नहीं पाए की आखिर ये क्या हो रहा है.
आरोपी ने जूते से कुछ निकाला और फिर....
हालाँकि अचानक पैदा हुए माहौल से वहां मौजूद सांसद घबरा गए थे. लेकिन उन्होंने बहादुरी और सूझ-बुझ दिखाते हुए सदन में जबरन घुसे युवक को घेर लिया. जैसे ही आरोपी सांसदों से घिर गया, तो वो थोड़ी देर रुका और फिर 10 सेकेण्ड के अंदर उसने अपने जूते से कुछ बाहर कुछ निकाला और महज़ कुछ ही सेकेंड्स में पूरा संसद भवन धुएं की चादर में लिपट गया. पहले तो कोई कुछ समझ नहीं पाया. लेकिन बाद में पता चला कि ये एक स्मोक बम अटैक था.
घिरने के बाद किया स्मोक बॉम्ब अटैक
जब सांसदों ने आरोपी घुसपैठिये को घेर लिया तो उसने अपने जूते से कुछ निकाला और यहाँ-वहाँ स्प्रे करने लगा. कुछ ही देर में पूरा सदन रंगीन धुएं से भर गया था. बता दे, कि इस तरह का स्मोक बॉम्ब अटैक सिर्फ सदन के भीतर ही नहीं सदन के बाहर भी हुआ. सदन के बाहर भी दो आरोपी मौजूद थे. जिसमे एक महिला भी शामिल थी. ये दोनों शख्स सदन के बाहर स्मोक अटैक कर रहे थे.
हालंकि सांसदों की बहादुरी से सदन के भीतर मौजूद दोनों युवक को पकड़ लिया गया. पुलिस के हिरासत से अफ्ले सांसदों ने उनकी जमकर पिटाई भी की. जिस वक़्त ये घटना हुई उस वक़्त सदन में अचानक ही दहशत का माहौल हो गया था.
धुआँ जहरीला नहीं था, तो क्या सिर्फ रंग-बिरंगा धुआँ उड़ाने आए थे आरोपी?
जैसे ही आरोपी ने अपने जूते से कुछ स्प्रे किया , वैसे ही वहां दहशत का माहौल हो गया. उसके जूते से कोई विस्फोटक भी निकल सकता था. जैसे ही संसद भवन में धुआँ फैलने लगा. सबको लगा कि ये धुआँ जहरीला हो सकता है. लेकिन 2 बजे के बाद जब सदन की कार्यवाही दुबारा शुरू हुई तो स्पीकर ओम बिरला ने बताया कि ये धुआँ जहरीला नहीं था और फिलहाल किसी तरह की बारूद जैसी चीज नहीं मिली है.
तो फिर सवाल ये उठा कि आखिर आरोपी अपने साथ क्या लेकर आये थे. आरोपी अपने साथ सदन में स्मोक क्रैकर लेकर आये थे. जिसे चलाने पर रंग बिरंगा धुआं निकलता है. आमतौर पर इसे होली या किसी विशेष आयोजन में इस्तेमाल किया जाता है. इसके बाद ये सवाल उठने लगे कि क्या पूरी योजना बनाकर आए आरोपी सदन में सिर्फ रंग-बिरंगा धुँआ छोड़ने आए थे. या फिर ये किसी तरह का कोई और संकेत था. बहरहाल चारों आरोपी को पकड़ लिया गया है और मामले की जाँच चल रही है.
कौन हैं आरोपी?
सदन के भीतर दो आरोपी मौजूद थे, जबकि इसी दौरान सदन के बाहर भी दो आरोपी मौजूद थे. चारों को पकड़ लिया गया है, जिसमे एक महिला भी शामिल है. संसद भवन के भीतर यानी सदन में मौजूद आरोपियों की पहचान सागर और मनोरंजन के रूप में हुई है. सागर लखनऊ का रहने वाला है, जबकि मनोरंजन कर्नाटक के मैसूर का है.
वहीं संसद के बाहर मौजूद आरोपियों की पहचान नीलम और अमोल शिंदे के रूप में हुई है. नीलम हरियाणा के जींद की रहने वाली हैं , जबकि चौथा आरोपी अमोल शिंदे महाराष्ट्र के लातूर का रहने वाला है. जिस समय नीलम हिरासत में ली गयी, वो बार-बारे चिल्ला कर कह रही थी कि वो बेरोजगार है और किसी संगठन से जुड़ी हुई नहीं है.