Parliament Security Lapse Case: संसद की सुरक्षा में चूक मामले में पूछताछ के दौरान बड़ा खुलासा हुआ है. जिसके बाद से वार-पलटवार का दौर चल रहा है, इसी बीच बीते दिन यानि शनिवार को पुलिस ने एक और आरोपी महेश कुमावत को गिरफ्तारी किया है.
वहीं पुलिस का कहना है कि, राजस्थान के नागौर का रहने वाला महेश कुमावत को कानूनी हिरासत में ले लिया गया है. मिली रिपोर्ट के मुताबिक महेश कुमावत ही मुख्य रूप से हमले की साजिश में लगा हुआ था. जिसके लिए वह पूरे दो साल से अन्य आरोपियों के संपर्क में बना हुआ था. इतना ही नहीं उसने सबूत मिटाने के लिए सभी के मोबाइल को पूरी तरह से तोड़ दिया. जिससे की सारे सबूत नष्ट हो जाए, वहीं इससे पहले पुलिस ने इस पूरे मामले में पांच अपराधी मनोरंजन डी, नीलम,ललित झा, अमोल शिंदे, सागर शर्मा को पहले की हिरासत में ले लिया था.
इस हमले की साजिश के सारे आरोपी फिलहाल सात दिनों की पुलिस हिरासत में हैं. ये सभी अलग-अलग राज्यों जैसे हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान के रहने वाले हैं. मिली जानकारी के अनुसार बीते 13 दिसंबर को हुए संसद पर हमले को अंजाम देने के बाद से लगातार पुलिस जांच में जुटी हुई है. इतना ही नहीं पुलिस की टीमें सारे राज्यों के लिए रवाना हो गई हैं. वहीं सूचना मिल रही है कि, जांच के बाद सारे आरोपियों को आमने-सामने करवा कर पूछताछ की जाएगी.
हालांकि बीते दिन यानि शनिवार को दिल्ली पुलिस की एक विशेष टीम ने संसद के अंदर एवं बाहर लगे हुए सीसीटीवी फुटेज की सारी तास्वीरें इकठ्ठा करके आगे की कार्रवाई में लग गई है. दरअसल पुलिस बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा का बयान भी दर्ज कर सकती है. बता दें कि, सांसद पर आरोप है कि, उन्होंने ही दो आरोपियों के लिए विजिटर पास की व्यवस्था की थी.
पुलिस ने संसद हमले की प्लानिंग करने वाले महेश कुमावत को पूछताछ के बाद कानूनी हिरासत में ले लिया है. जिसके बाद आरोपी को बीते दिन यानि शनिवार को कोर्ट में पेश किया गया था. वहीं जांच में पता चला कि कुमावत संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के प्लान का मुख्य हिस्सा था. इतना ही नहीं इसका काम था कि, कैनिस्टर के साथ उसे दूसरे गेट पर खड़ा होना था, मगर वह घटना के दिन 13 दिसंबर को किसी काम की वजह से पहुंच नहीं पाया था.
अदातल की कार्यवाही के दौरान अन्य आरोपियों ने बताया कि, कुमावत ने सबूतों को नष्ट करने के साथ ही बड़ी साजिश को छिपाने के लिए मोबाइल को तोड़ने के साथ कई अन्य कार्यों में आरोपी ललित झा की सहायता की है. उनका कहना है कि पूरी साजिश का खुलासा करने के लिए आरोपी से पूछताछ करना चाहिए. दरअसल इसी बीच पुलिस ने कोर्ट से उसकी 15 दिन की हिरासत मांगी थी. जबकि हमले की साजिश के जांच मामले में जुटी दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि, साजिश को अंतिम रूप देने से पहले उन्होंने कई प्रभावशाली तरीके की तलाश की थी. जानकारी तो ये भी मिल रही है कि आरोपियों ने सबसे पहले अपने शरीर को अग्निरोधक लेप से ढककर आत्मदाह करने का विचार मन में बनाया था.