Parliament Winter Session: संसद का शीतकालीन सत्र 4 दिसंबर से शुरू होकर 22 दिसंबर तक चलने की सम्भावना है. इससे पहले आज यानी 2 दिसंबर कोसरकार ने लोकसभा और राज्यसभा में सभी दलों की सर्वदलीय बैठक बुलाई है. बता दें कि 4 दिसंबर से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र के दौरान 15 बैठकें प्रस्तावित हैं. इस दौरान कई महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा होने की सम्भावना है.
रक्षा मंत्री होंगे शामिल
शनिवार को बुलाई गयी सर्वदलीय बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अलावा वाणिज्य मंत्री पियूष गोयल भी भाग लेंगे. बता दें कि संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी इस बैठक को बुलाएँगे जिसके दौरान विधेयकों पर चर्चा होगी. इन विधेयकों में ब्रिटिश कालीन तीन अपराध कानूनों, भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और साक्ष्य अधिनियम को बदलने के लिए लाए गए विधेयक भी शामिल हैं. इसके अलावा संसद में इस समय 37 विधेयक लंबित हैं. इन 37 विधायकों में से 12 विधेयक चर्चा और पारित करने के लिए सूचीबद्ध हैं. जबकि अन्य सात विधेयक पेश किये जायेंगे. जिस पर चर्चा होने के बाद उसे पारित किया जायेगा.
मुख्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति से सम्बंधित विधेयक पर होगी चर्चा
संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्त के नियुक्ति से सम्बंधित विधेयक पर भी चर्चा होगी. बता दें कि निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति से संबंधित एक महत्वपूर्ण विधेयक संसद के मानसून सत्र के दौरान पेश किया गया था. लेकिन तब विपक्षी सदस्यों और पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्तों के विरोध के कारण इस विधेयक को पारित नहीं किया गया था. अब इस लंबित विधेयक पर शीतकालीन सत्र के दौरान फिर चर्चा होगी और इसे पारित किया जायेगा. इस विधेयक में विधेयक में मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों का दर्जा कैबिनेट सचिव के समान करने का प्रावधान प्रस्तावित है.
कौन-कौन से विधेयक किये जायेंगे पेश
संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार शीतकालीन सत्र के दौरान तेलंगाना में सेंट्रल ट्राइबल यूनिवर्सिटी स्थापित करने और जम्मू कश्मीर और पुड्डुचेरी विधानसभा में महिलाओं को आरक्षण देने सहित सात नए विधेयकों को सदन में पेश कर सकती है. इसके अलावा सरकार आईपीसी, सीआरपीसी और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह लेने वाले भारतीय न्याय संहिता विधेयक-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक-2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 सहित 18 विधेयकों को पारित करने के लिए सत्र के दौरान पेश करेगी.
बता दें कि केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इस शीतकालीन सत्र को मौजूदा लोकसभा का अंतिम बताया और इसके साथ ही सभी विपक्षी दलों से सदन की चर्चा में शामिल होने और सहयोग करने का अनुरोध किया.
कब तक चलेगा संसद का शीतकालीन सत्र
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के अगले दिन यानी 4 दिसंबर से शुरू होने वाला संसद का शीतकालीन सत्र करीब 19 दिनों तक चलेगा. यानी सत्र 4 दिसंबर से शुरू होकर 22 दिसंबर तक चलने की सम्भावना है. हालाँकि इस दौरान संसद की कार्यवाही पर चुनावी परिणाम के असर दिखने की पूरी सम्भावना है. हालाँकि केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सभी दलों से सहयोग की अपील की है.