PM मोदी ने नालंदा यूनिवर्सिटी के नए कैंपस का किया उद्घाटन, 17 देशों के राजदूत शामिल

Nalanda University Inauguration: आज का दिन बिहार के लिए काफी खास है. नालंदा यूनिवर्सिटी का नया कैंपस नालंदा के प्राचीन खंडहर स्थल के करीब है. इस यूनिवर्सिटी के छात्र 2014 से ही अस्थायी कैंपस में पढ़ाई कर रहे थे.

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Nalanda University Inauguration:  पीएम मोदी ने आज के दिन बिहार की नालंदा यूनिवर्सिटी के नए कैंपस का उद्घाटन किया है. इस कार्यक्रम में नीतीश कुमार, विदेश मंत्री एस जयशंकर समेत 17 देशों के राजदूत शामिल हुए. यूनिवर्सिटी के उद्घाटन के साथ ही बिहार को उसकी खोयी हुई विरासत भी फिर मिल गई है. 

यूनिवर्सिटी नालंदा के प्राचीन खंडहरों के पास में ही स्थित है. पीएम मोदी ने आज के दिन को शिक्षा के क्षेत्र के लिए बेहद खास बताया है. नालंदा यूनिवर्सिटी के उद्घाटन से पहले शिक्षण संस्थान के अंतरिम वाइस चांसलर प्रोफेसर अभय कुमार सिंह ने पीएम मोदी का स्वागत किया.

17 देशों के राजदूत शामिल

पीएम मोदी के अलावा इस कार्यक्रम में विदेश मंत्री जयशंकर, बिहार के राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा शामिल हैं. इसके अलावा 17 देशों के राजदूतों ने भी नालंदा यूनिवर्सिटी के नए कैंपस के उद्घाटन समारोह में हिस्सा लिया है. इस अवाल सोशल मीडिया पर पीएम मोदी ने अपने एक्स अकाउंट पर तस्वीरें शेयर की हैं.

पीएम ने शेयर की  यूनिवर्सिटी की तस्वीरें

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म  एक्स पर उद्घाटन से पहले पीएम मोदी ने यूनिवर्सिटी की तस्वीरों को शेयर कीं. जिसमें उन्होंने लिखा  कि"आज हमारे शिक्षा क्षेत्र के लिए बहुत खास दिन है. आज सुबह करीब 10:30 बजे राजगीर में नालंदा यूनिवर्सिटी के नए कैंपस का उद्घाटन किया जाएगा. हमारे गौरवशाली इतिहास से नालंदा का गहरा नाता है." पीएम मोदी के जरिए शेयर की गई तस्वीरों में नालंदा यूनिवर्सिटी का गेट और उसके कैंपस को देखा जा सकता है. 

12वीं शताब्दी में नष्ट की गई यूनिवर्सिटी

नालंदा यूनिवर्सिटी की स्थापना पांचवीं शताब्दी में हुई थी. उस समय दुनियाभर से क्षेत्र पढ़ाई के लिए यहां पहुंचते थे. इस यूनिवर्सिटी की पहचान दुनियाभर में थी और इसे क्षेत्र के सबसे बड़े केंद्र के तौर पर देखा जाता था. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, 12वीं शताब्दी में आक्रमणकारियों ने यूनिवर्सिटी को नष्ट कर दिया. इससे पहले ये 800 वर्षों तक फलती-फूलती रही और शिक्षा का केंद्र बनी रही. ऐसे में नई यूनिवर्सिटी के जरिए एक बार फिर से बिहार का गौरव लौटने वाला है.

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