PM Modi Ayodhya Visit: बीते साल 30 दिसम्बर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने अयोध्या दौरे के दौरान मीरा मांझी के घर गए थे. वहां जाकर उन्होंने चाय भी पी थी. इसके बाद प्रधानमंत्री ने दिल्ली लौटने के बाद मीरा मांझी और उनके परिवार को नए साल की शुभकामना के साथ ही पत्र के साथ उपहार भेजे थे. इसके बाद अब मीरा मांझी ने प्रधानमंत्री से अपने पति के लिए नौकरी की विनती की है. इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री का पत्र मिलने पर अपनी खुशी भी व्यक्त की है.
नए साल पर भेजे पत्र में प्रधानमंत्री मोदी ने मीरा मांझी और उनके परिवार को नए साल की शुभकामनाएं दी और साथ ही उन्होंने उनकी और उनके परिवार की भी तारीफ की. उन्होंने पत्र में लिखा, 'प्रभु श्री राम की पावन नगरी अयोध्या में आप व आपके परिवार के सदस्यों के साथ मुलाकात और आपके द्वारा बनाई गई चाय पीकर बहुत प्रसन्नता हुई. अयोध्या से आने के बाद मैंने कई टीवी चैनलों पर आपका इंटरव्यू देखा. उनमें आपका व परिवार के अन्य सदस्यों का आत्मविश्वास और जितने सरल व सहज ढंग से आप लोगों ने अपने अनुभवों को साझा किया वह देखकर अच्छा लगा.'
प्रधानमंत्री का पत्र और उनके द्वारा भेजे गए उपहार मिलने के बाद मीरा मांझी ने प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया है. इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री से अपने पति को नौकरी देने की भी विनती की है. मीरा मांझी ने कहा, 'मैं उनको धन्यवाद करती हूं कि उन्होंने हमारे बच्चों को इतना कुछ दिया. अब बस उनसे यही विनती है कि हमारे पति को कहीं भी छोटी-मोटी नौकरी दे दें कि आगे चलकर हमारे बच्चों के लिए उनका भविष्य सुधर जाए. बस मैं यही उनसे कहना चाहती हूं कि हमारे बच्चों का आगे चलकर भविष्य अच्छा बन जाए.'
इसके साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि प्रधानमंत्री द्वारा भेजे गए गिफ्ट्स में क्या था. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने पत्र के साथ टी- कप सेट, बच्चों का बिग, पेंसिल और टिफिन भेजा है.
मीरा मांझी उज्जवला योजना की 10 करोड़वीं लाभार्थी हैं. प्रधानमंत्री ने अयोध्या दौरे के दौरान उनके घर जाकर चाय पी थी. चाय की पहली चुस्की लेते हुए प्रधानमंत्री ने उनसे कहा कि 'आप लोग बहुत मीठी चाय पीते हैं', इस पर मीरा मांझी ने कहा कि उनसे चाय मीठी ही हो जाती है. इस दौरान प्रधानमंत्री ने मीरा और उनके परिवार के सदस्यों से सरकार की आवास योजना और उज्जवला योजना के लाभों के बारे में भी बात की.
बातचीत के दौरान मीरा मांझी ने प्रधानमंत्री को बताया कि इससे पहले वो झोपड़ी में रहती थी. वो फूल बेंचने का काम करती हैं. उन्होंने बताया कि सरकार की आवास योजना और उज्जवला योजना की वजह से उनके परिवार को सिर पर छत और घर में गैस की सुविधा मिली है. उन्हें घर बनाने के लिए सरकार की तरफ से ढाई लाख रुपये मिले थे.