NDA Meeting: प्रधानमंत्री पद के लिए चयनित नरेन्द्र मोदी ने आज यानि शुक्रवार को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन ईवीएम से छेड़छाड़ के सवाल पर विपक्ष के दावों पर निशाना साधते हुए कहा कि 4 जून के लोकसभा चुनाव परिणामों ने उनके तमाम सभी आरोपों को गलत साबित कर दिया है. और वोटिंग मशीन और चुनावी प्रक्रिया की ईमानदारी को सामने रखा है, जिससे इंडिया गठबंधन की शिकायतें प्रभावी रूप से अब शांत हो गई हैं.
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन एनडीए संसदीय बैठक को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि 4 जून को जब लोकसभा चुनाव के नतीजे आए तो उन्होंने किसी से पूछा कि क्या ईवीएम अभी भी ज़िंदा हैं या मर चुकी हैं?. नरेन्द्र मोदी ने कहा कि विपक्ष हमेशा से ईवीएम वा चुनाव की प्रक्रिया पर आरोप लगाते है. और यह सुनिश्चित करते हैं कि लोग लोकतंत्र और भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर विश्वास करना बंद कर दें.
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार पीएम मोदी ने कहा, "जब 4 जून को नतीजे जारी हो रहे थे, मैं काम में व्यस्त था. बाद में फोन आने शुरू हो गए. मैंने किसी से पूछा, नंबर तो ठीक हैं, मुझे बताओ कि ईवीएम जिंदा है या मर गया. विपक्ष ने यह सुनिश्चित करने का फैसला किया था कि लोग भारत के लोकतंत्र और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विश्वास करना बंद कर दें. उन्होंने लगातार ईवीएम का दुरुपयोग किया.
पीएम ने इंडिया गठबंधन के नेताओं की आलोचना करते हुए कहा कि उन्हें लगा था कि वे ईवीएम का जनाजा निकालेंगे और अपनी हार पर मशीन का राग अलापेंगे. लेकिन लोकसभा के नतीजों ने उन्हें शांत करा दिया.पीएम ने कहा, कि मुझे उम्मीद है कि मैं अब 5 साल तक नहीं सुनूंगा. जब हम 2029 में प्रवेश करेंगे, तो शायद वे फिर से ईवीएम का राग अलापेंगे. देश उन्हें कभी माफ नहीं करेगा. एनडीए की बैठक मे सर्वसम्मति से नरेंद्र मोदी को एनडीए वह लोकसभा का नेता चुना गया है. नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं. वे रविवार को शाम 6 जून को शपथ लेंगे.
इसके पहले मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने भी ईवीएम पर सवाल उठाने वालों पर निशाना साधते हुए कहा कि ईवीएम को अगले चुनाव तक के लिए छोड़ देना चाहिए क्योंकि आने वाले चुनावों में फिर से इनका दुरुपयोग किया जा सकता है. ईवीएम से छेड़छाड़ के आरोपों पर मीडिया से बात करते हुए राजीव कुमार ने कहा कि पिछले 2020-22 चुनावों से ऐसी ही परंपरा चलती आ रही है, जिसमें ईवीएम से छेड़छाड़ के आरोप लगे और उनकी विश्वसनीयता पर हमेशा सवाल उठाए गए. जबकि अंत में उन्होंने हमेशा नतीजे ही दिखाए है.
भारत के चुनाव आयोग के अनुसार, बीजेपी ने 240 सीटें जीतीं, जो 2019 के 303 के मुक़ाबले काफ़ी कम है. जबकि कांग्रेस ने इस चुनाव मे अच्छा प्रर्दशन करते हुए 99 सीट जीतने मे कामयाब रही.बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन एनडीए ने 293 सीटें हासिल कीं, जबकि इंडिया गठबंधन ने 230 का आंकड़ा पार करते हुए कड़ी प्रतिस्पर्धा की और पूर्वानुमानों को नकार दिया है.