दिल्ली की हवाओं में फिर घुला जहर! बढ़ती ठंड के साथ प्रदूषण से जनता परेशान

दिल्ली में एक बार फिर प्रदूषण के स्तर में भारी बढ़ोतरी हुई है. शहर के 37 निगरानी स्टेशनों में से 26 की AQI रीडिंग 400 से अधिक रही. जिसके कारण राष्ट्रीय राजधानी में ग्रैप-4 लागू किया गया है.

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Courtesy: Social Media

Delhi Pollution: दिल्ली की वायु गुणवत्ता एक बार फिर 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच गई है, जिसमें वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 के पार है. प्रदूषण के इस बढ़ते स्तर को रोकने के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने आपातकालीन बैठक बुलाकर GRAP-IV प्रतिबंध लागू करने का फैसला किया है.  

शहर के 37 निगरानी स्टेशनों में से 26 की AQI रीडिंग 400 से अधिक रही. जिसमें जहांगीरपुरी 466, आनंद विहार 465 और  बवाना में AQI 465 पर पहुंच गया.  इसके अलावा रोहिणी, लाजपत नगर, पंजाबी बाग, और अशोक विहार जैसे क्षेत्रों में भी AQI 450 के पार दर्ज किया गया. मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण प्रदूषकों का वातारण में ठहराव देखा गया है. बढ़ते प्रदूषण के कारण एक बार फिर से दिल्ली में GRAP 4 लागू किया गया है. 

IMD ने क्या कहा?

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने आने वाले दिनों में प्रदूषण के और बढ़ने का संकेत दिया है. जिसमें बताया गया कि आने वाले दिनों में घना कोहरा और धुंध के साथ प्रदूषकों के स्तर में इजाफा हो सकता है. इसके अलावा हवा की कम गति के कारण प्रदूषण के ठहराव देखने को मिलेगा. दिल्ली वालों को पिछले चार महीनों से प्रदूषण की समस्या सत्ता रही है. इस परेशानी को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण को अखिल भारतीय समस्या करार दिया. अदालत ने अत्यधिक प्रदूषित शहरों की सूची मांगी है और सभी राज्यों के लिए सीएक्यूएम जैसी व्यवस्था बनाने का सुझाव दिया है. वहीं प्रदूषण को थोड़ा नियंत्रित करने के लिए GRAP के नियमों को लागू किया है. 

GRAP के चार चरण 

1. चरण-I (AQI 201-300): 'खराब' श्रेणी.  
2. चरण-II (AQI 301-400): 'बहुत खराब' श्रेणी.  
3. चरण-III (AQI 401-450): 'गंभीर' श्रेणी.  
4. चरण-IV (AQI 450+): 'अत्यंत गंभीर' श्रेणी.  

GRAP 4 के दौरान इन चीजों पर प्रतिबंध

1. गैर-आवश्यक ट्रकों पर प्रतिबंध: LNG/CNG/इलेक्ट्रिक और BS-VI ट्रकों को छोड़कर अन्य ट्रकों का दिल्ली में प्रवेश वर्जित.  
2. स्कूल-कॉलेज ऑनलाइन: सभी कक्षाएं ऑनलाइन मोड में स्थानांतरित.  
3. निर्माण और विध्वंस पर रोक: रैखिक सार्वजनिक परियोजनाओं को छोड़कर अन्य सभी निर्माण गतिविधियां बंद.  
4. वाहनों पर सम-विषम योजना: जरूरत पड़ने पर लागू किया जा सकता है.  
5. सरकारी कार्यालयों के लिए अलग समय: उत्सर्जन कम करने के लिए सुझाव.  

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