Bastar Journalist Murder Case: बस्तर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या मामले में एक नया अपडेट आजा है. मामले की जांच कर रही विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने हत्या के मुख्य और फरार आरोपी सुरेश चंद्राकर को हैदराबाद से गिरफ्तार कर लिया है. छत्तीसगढ़ के रहने वाले मुकेश की हत्या 1 जनवरी को की गई थी और उसके शव को आरोपियों ने सेप्टिक टैंक में डाल दिया था.
शुरुआती जांच के दौरान यह पता चला कि इस हत्या की घटना में ठेकेदार का हाथ है. उस ठेकेदार ने मुकेश से बदला लिया, क्योंकि मुकेश ने एक सड़क परियोजना की रिपोर्टिंग की थी, जिसे ठेकेदार ने ही बनाया था. ठेकेदार सुरेश चंद्राकर, जो कथित तौर पर कांग्रेस का सदस्य भी है, को अब हैदराबाद से गिरफ्तार कर लिया गया है.
मुकेश चंद्राकर ने बीजापुर जिले में हो रहे सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार पर एक रिपोर्ट तैयार की थी, जिसे उन्होंने 25 दिसंबर को अपने यूट्यूब चैनल बस्तर जंक्शन पर प्रसारित किया था. इस रिपोर्ट के माध्यम से मुकेश ने ठेकेदार द्वारा किए गए कथित भ्रष्टाचार का खुलासा किया था, जो बाद में उसकी हत्या का मुख्य कारण बना. आरोपी ने मुकेश को रात के खाने पर अपने घर बुलाया, जहां उनकी रिपोर्ट को लेकर विवाद हुआ. इसके बाद मुकेश के चचेरे भाई ने उसे लोहे से मारा और अन्य आरोपियों ने भी बेरहमी से हमला किया. इसके बाद, मुकेश को अपराधियों द्वारा बुरी तरह प्रताड़ित किया गया और अंत में उसके शव को सेप्टिक टैंक में छिपा दिया गया.
इस हत्या के बाद प्रशासन ने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी. पहले कुछ आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद सुरेश चंद्राकर को हैदराबाद से गिरफ्तार कर लिया गया है. इसके साथ ही पुलिस ने सुरेश चंद्राकर और अन्य आरोपियों के बैंक खातों को फ्रीज करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है. अब तक सुरेश चंद्राकर के तीन बैंक खातों को होल्ड पर रखा जा चुका है. इसी मामले में प्रशासन ने सुरेश चंद्राकर द्वारा वन भूमि पर किए गए अवैध कब्जे और निर्माण पर कार्रवाई की है. पुलिस ने बीजापुर-गंगालूर रोड के किनारे सुरेश द्वारा बनाए गए निर्माण यार्ड को ध्वस्त कर दिया है.
दिलचस्प बात यह है कि मुकेश चंद्राकर ने अप्रैल 2021 में बीजापुर जिले में हुए तकलगुडा नक्सली हमले के बाद माओवादियों की कैद से कोबरा कमांडो राकेश्वर सिंह मन्हास को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. इस हमले में 22 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे. मुकेश की हत्या ने पत्रकारिता के क्षेत्र में एक साहसी आवाज़ को खो दिया, जो हमेशा सच को उजागर करने के लिए खड़ा था.