Vinesh Phogat: एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत के लिए स्वर्ण पदक विजेता विनेश फोगाट ने महिलाओं के साथ हो रहे विवाद को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच आज( शनिवार) अपना पुरस्कार लौटा दिया है. इस दौरान उन्होंने अपना अर्जुन और खेल रत्न अवॉर्ड दिल्ली के कर्तव्य पथ पर ही छोड़ दिया. बता दें, कि जब फोगाट अपने पुरस्कार को प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को लौटने जा रही थी, तभी पुलिस द्वारा उन्हें रोक दिया गया, जिसके बाद उन्होंने अपना अवॉर्ड कर्तव्य पर छोड़ दिया.
पहलवान बजरंग पूनिया के द्वारा अपना पद्मश्री लौटने का बाद मंगलवार (26 दिसंबर) को विनेश फोगाट ने भी अपने अवॉर्ड को वापस करने की घोषणा थी . फोगाट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर प्रधानमंत्री मोदी को एक पत्र लिखकर कहा था कि मैं अपना मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड वापस कर रही हूं. इस हालत में पहुंचाने के लिए ताकतवर का बहुत-बहुत धन्यवाद.
इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री को साझा किए गए अपने पत्र में लिखा था कि माननीय प्रधानमंत्री, साक्षी मालिक ने भी कुश्ती छोड़ दी है. और पहलवान बजरंग पूनिया भी अपना पद्मश्री लौटा चुके हैं. आप तो देश के मुखिया हैं आप तक तो ये मामला पहुंचा होगा. मैं आपके घर की बेटी विनेश फोगाट हूं और पिछले एक साल से जिस हाल में हूं यह बताने के लिए आपको ये पत्र लिख रही हूं. वहीं इससे पहले पहलवान बजरंग पुनिया ने भी अपना पद्म श्री पुरस्कार लौटा दिया था. और विरोध के चलते उन्होंने भी अपना अवॉर्ड कर्तव्य पथ के फुटपाथ पर छोड़ दिया था.
यह दिन किसी खिलाड़ी के जीवन में न आए। देश की महिला पहलवान सबसे बुरे दौर से गुज़र रही हैं। #vineshphogat pic.twitter.com/bT3pQngUuI
— Bajrang Punia 🇮🇳 (@BajrangPunia) December 30, 2023
भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष पद के लिए लंबे समय से चल रहे विवाद के बीच 21 दिसंबर को चुनाव हुआ था. जिसमें भाजपा सांसद और डब्ल्यूएफआई के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह को जीत मिली थी. जिसके विरोध में 22 दिसंबर को पहलवान बजरंग पूनिया ने और विनेश फोगाट ने 26 दिसंबर को पीएम मोदी को पत्र लिख पद्मश्री पुरस्कार लौटने की घोषणा की थी.