UP Politics: उत्तरप्रदेश समाजवादी पार्टी प्रमुख डिंपल यादव ने सांसद महुआ मोइत्रा को लेकर बड़ा बयान दिया है. दरअसल बीते दिन लोकसभा सचिवालय ने एक अधिसूचना जारी की, जिसमें तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा को निचले सदन से निष्कासित करने की घोषणा हुई. वहीं यह निर्णय अधिसूचना मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित किए जाने के बाद जारी हुई. जबकि सासंद के लोकसभा से निष्कासित करने को लेकर बहुत सारे नेताओं का बयान सामने आ रहा है.
Take its and finish pic.twitter.com/i3F0ZSvroG
— swamy dada (@swamydada1006) December 8, 2023
समाजवादी पार्टी नेता डिंपल यादव ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स के माध्यम से ये बताया कि बीजेपी ने नारी शक्ति का अपमान किया है. दरअसल उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि, 'एक तरफ सरकार संसद में नारी वंदन विधेयक (महिला आरक्षण विधेयक) लाती है, जहां इसके कार्यान्वयन को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है. दूसरी ओर सरकार ने कॉरपोरेट कॉकस के संबंध में स्पष्ट रूप से बोलने वाली महिला संसद सदस्य महुआ मोइत्रा को निष्कासित कर दिया है. वह भी एक ऐसी आचार समिति द्वारा जिसके कोई परिभाषित नियम-कायदे नहीं हैं. इससे न केवल महिलाओं को लेकर बल्कि अभिव्यक्ति की अभिव्यक्ति को लेकर भी भाजपा सरकार की सच्ची मानसिकता का पता चलता है. महिलाओं और लोकतंत्र के संबंध में भारत क्या संदेश लेकर आगे बढ़ता है! भाजपा नारी शक्ति की बात करती है लेकिन सही मायने में वह 'शक्ति' को खत्म करना चाहती है.'
On one side the government gets Nari Vandan Vidheyak (Women’s Reservation Bill ) in Parliament where there is no clarity regarding implementation of the same . On the other side the government expels a member of Parliament, a woman , Mahua Moitra who has spoken explicitly…
— Dimple Yadav (@dimpleyadav) December 8, 2023
वहीं नेता अखिलेश यादव ने अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके बीजेपी को घेरा है दरअसल उन्होंने लिखा कि, सत्ताधारी दल विपक्ष के लोगों की सदस्यता लेने के लिए किसी सलाहकार को रख ले, जिससे मंत्रीगण व सत्ता पक्ष के सासंदों और विधायकों का समय षड्यंत्रकारियों गतिविधियों में न लगकर लोकहित के कार्यों में लगे. जिन आधारों पर सांसदों की सदस्यता ली जा रही है, अगर वो आधार सत्ता पक्ष पर लागू हो जाएं तो शायद उनका एक दो सासंद-विधायक ही सदन में बचेगा.
सत्ताधारी दल विपक्ष के लोगों की सदस्यता लेने के लिए किसी सलाहकार को रख ले, जिससे मंत्रीगण व सत्ता पक्ष के सासंदों और विधायकों का समय षड्यंत्रकारियों गतिविधियों में न लगकर लोकहित के कार्यों में लगे। जिन आधारों पर सांसदों की सदस्यता ली जा रही है, अगर वो आधार सत्ता पक्ष पर लागू हो…
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 8, 2023