Ram Mandir: अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बनकर तैयार हो गया है. राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए तैयारियां चल रही हैं. वहीं, भगवान राम के ससुराल मिथिला में भी राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी जोरों से हो रही है. नेपाल के जनकपुर से "भार यात्रा" निकाली जाएगी. "भार यात्रा" में जनकपुर धाम से मिथिला संस्कृति और परंपरा के अनुसार 1100 भार अयोध्या भिजवाया जा रहा है. इसमें फल, मिठाइयां और सुहाग की सामग्री इत्यादि भेजी जा रही है. यह मिथिला की संस्कृति है, जिसमें बेटी के गृह प्रवेश के लिए मायके से तोहफे भेजे जाते हैं.
जनकपुरी से आएंगे 1100 गिफ्ट
मिथिला माता सीता का मायका है. जहां की संस्कृति के अनुसार, जब बेटी का गृह प्रवेश होता है, तो उसके मायके से तोहफा और अन्य सामग्री भिजवाई जाती है. मिथिला की इसी परंपरा के अनुसार, जब प्रभु राम का मंदिर में गृह प्रवेश होगा, तो सीता जी के मायके से भी तोहफा भिजवाया जा रहा है. मिथिला में हर घर से उपहार देने के लिए तैयारी की जा रही है. बता दें, 4 जनवरी को नेपाल से शुरू होगी भार यात्रा.
ये जानकारी नेपाल के पूर्व उप प्रधानमंत्री बिमलेंद्र निधि ने दी है कि किस तरह से नेपाल में भार यात्रा की तैयारी जोरों से हो रही है. 22 जनवरी को जनकपुर में धूमधाम से उत्सव मनाया जाएगा. जनकपुर धाम में इस वक्त हर एक घर से भार यात्रा में भेजने के लिए सामग्री तैयार की जा रही है और इन्हें जानकी मंदिर ट्रस्ट को सौंपा जा रहा है.
बता दें, भार यात्रा जनकपुर धाम से 4 जनवरी को शुरू होगी और अयोध्या 5 जनवरी की रात पहुंचेगी. 6 जनवरी की सुबह सभी सामग्री को राम मंदिर ट्रस्ट को सौंपा जाएगा. इसके लिए हर घर में उल्लास देखने को मिल रहा है. लोग भगवान राम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम को लेकर उत्साहित दिख रहे हैं.
त्रेतायुग की तर्ज पर सजेगा राम मंदिर
रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर अयोध्या सजने लगी है. इस दिन के लिए अयोध्या को त्रेतायुग की तर्ज पर सजाया जा रहा है. पूरे देश में इसे लेकर जोर-शोर से तैयारियां चल रही है. देश-विदेश के लोगों को कार्यक्रम में शामिल होने के लिए निमंत्रण भेजा जा चुका है. प्रधानमंत्री मोदी खुद इस मौके पर अयोध्या में मौजूद रहेंगे. श्रीराम मंदिर का उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी के हाथों ही होने वाला है. इस लिए मुख्य यजमान प्रधानमंत्री मोदी इस दिन व्रत रखने वाले हैं.
राम मंदिर के उद्घाटन को लेकर सारी तैयारियां पूरी की जा रही है. जानकारी के अनुसार, गुप्त मतदान के द्वारा राम मंदिर के लिए मूर्ति का चयन भी कर लिया गया है. इस खास दिन प्रधानमंत्री उपवास रखने वाले हैं. इसके साथ ही, 16 जनवरी को पूजा के मुख्य यजमान प्रधानमंत्री मोदी द्वारा संकल्पित अक्षत अयोध्या पहुंचाया जाएगा. अक्षत अयोध्या पहुँचने के बाद ही सात दिवसीय अनुष्ठान शुरू होगा. जबकि अभी से ही अयोध्या में चारों वेदों की सभी शाखाओं का परायण यज्ञ जारी है. 15 जनवरी तक वैदिक विद्वान इस यज्ञ को करेंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा वाले दिन व्रत रखेंगे. इसे लेकर पूरे देश में चर्चा चल रही है. विद्वानों का कहना है कि शास्त्रीय विधि परंपरा के अनुसार, यजमान को पूरे दिन उपवास रखकर सभी धार्मिक अनुष्ठान पूरे करने होते हैं. चूंकि प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम प्रधानमंत्री मोदी करने वाले हैं, इसलिए वह पूरे दिन उपवास रखेंगे.
विद्वानों के अनुसार, प्राण-प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में यजमान के लिए पवित्र नदियों में स्नान करना जरूरी माना गया है. ऐसे में माना जा रहा है कि पीएम मोदी भी सरयू में स्नान कर सकते हैं. इसकी आशंका इसलिए भी ज्यादा जताई जा रही है क्योंकि 13 दिसम्बर 2021 को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकार्पण के वक्त पीएम नरेंद्र मोदी ने गंगा में डुबकी लगाई थी और पूजा-पाठ किया था. इसलिए ये माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी इस पावन मौके पर सरयू में डुबकी लगा सकते हैं.