Price of Pulses: दरअसल, सरकार सभी संभावित स्रोत से दालों की सप्लाई सुनिश्चित करने की योजना बना रही है. घरेलु बाजार में दालों की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. सिर्फ एक महीने के अंदर तुअर दाल की कीमतों में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. अगस्त महीने में खरीफ फसल देरी से आई थी जिलके कारण मूंग दाल की स्पलाई पर भी प्रभाव पड़ा था.
ये मुंह और मसूर की दाल की कहावत तो आपने सुनी होगी ऐसा लगता है कि ये सच होने वाली है क्योंकि अरहर दाल के बाद अब मसूर की दाल भी महंगी हो गई है. लोगों के पहुंच से मसूर की दाल दूर न हो इसके लिए सरकार कुछ जरूरी कदम उठा रही है. भारतीय व्यंजनों में दाल का खास महत्व है. भारत में दाल-रोटी खाने का भी बड़ा प्रचलन है लेकिन दालें महंगी हो जाने से आम लोगों की परेशानी बढ़ गई है.
अरहर दाल पहले से ही महंगी थी और अब मसूर दाल भी महंगी हो जाने से आम लोगों के किचन का बजट बिगड़ गया है. इस बीच सरकार ने मसूर दाल की बढ़ती कीमतों को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. अमेरिका से आयात होने वाली मसूर दाल पर कस्टम ड्यूटी माफ कर दिया गया है साथ ही देश के भीतर दालों की जमाखोरी पर सरकार नकेल कसने की पूरी तैयारी कर ली है.
आपको बता दें कि, अमेरिका से आने वाली मसूर दाल पर अभी भारत सरकार 22 फीसदी कस्टम ड्यूटी यानी आयात शुल्क लगाती है जिसे 6 सितंबर से खत्म करके शून्य कर दिया गया है. इस फैसले के बाद अमेरिका में पैदा होने वाली मसूर दाल को सीधे अमेरिका से ही लाया जा सकता है अब इसे कनाडा के रास्ते से भारत लाने की जरूरत नहीं होगी. इसके साथ ही सरकार ने देश के भीतर मसूर दाल के लोकल स्टॉक को लेकर भी कड़े निर्देश जारी किए हैं.