नई दिल्ली : शिवसेना (उबाठा) की राज्यसभा सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) पर विनायक दामोदर सावरकर के नाम का राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है. चतुर्वेदी ने सावरकर को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने की मांग भी की और कहा कि भाजपा केवल राजनीतिक स्वार्थ के लिए उनका नाम याद करती है.
प्रियंका चतुर्वेदी ने इस आरोप को तब उठाया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस के मार्से में सावरकर के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को याद करते हुए उनकी बहादुरी की सराहना की थी. चतुर्वेदी ने ‘पीटीआई’ से बातचीत में कहा, "वीर सावरकर जी का स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान रहा है. शिवसेना ने हमेशा उनकी भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग की है, लेकिन भाजपा केवल राजनीतिक फायदे के लिए उनका नाम लेती है और जब इसका काम हो जाता है, तो उन्हें भूल जाती है."
चतुर्वेदी ने यह भी कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित करने में राजनीति का कोई स्थान नहीं होना चाहिए. उन्होंने यह टिप्पणी प्रधानमंत्री मोदी के बयान के संदर्भ में की, जिसमें उन्होंने सावरकर को श्रद्धांजलि दी थी. चतुर्वेदी ने कहा, "प्रधानमंत्री ने फ्रांस में सावरकर को श्रद्धांजलि अर्पित की है, जहां उनका संघर्ष शुरू हुआ था और जहां उन्हें ब्रिटिश शासन ने जेल भेजा था. स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित करते वक्त राजनीति नहीं करनी चाहिए."
प्रियंका चतुर्वेदी ने यह भी याद दिलाया कि इंदिरा गांधी ने भी सावरकर पर एक वृत्तचित्र बनाया था और उनके सम्मान में एक डाक टिकट जारी किया था. चतुर्वेदी ने कहा, "सभी का नजरिया अलग था, चाहे वो नेताजी सुभाष चंद्र बोस हों या वीर सावरकर, लेकिन उनका एक ही लक्ष्य था - अंग्रेजों से आजादी."
प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार रात मार्से पहुंचने के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट किया, "मार्से पहुंचा हूं. भारत के स्वतंत्रता संग्राम में यह शहर विशेष महत्व रखता है. यहीं पर महान वीर सावरकर ने बच निकलने का साहसिक प्रयास किया था." मोदी ने फ्रांसीसी कार्यकर्ताओं का भी आभार व्यक्त किया जिन्होंने सावरकर को ब्रिटिश हिरासत में नहीं सौंपने की मांग की थी.
प्रियंका चतुर्वेदी ने भाजपा की राजनीति को लेकर सावरकर के योगदान को सम्मानित करने की बजाय इसे राजनीतिक लाभ के रूप में उपयोग करने का आरोप लगाया है. वहीं, उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों के सम्मान को राजनीति से ऊपर रखने की बात की है. भाजपा और कांग्रेस के इस मुद्दे पर अलग-अलग दृष्टिकोण हैं, लेकिन अंततः हर कोई वीर सावरकर के योगदान को एक प्रेरणा के रूप में देखता है.