मलप्पुरम (केरल) : कांग्रेस महासचिव और वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी ने सोमवार को अपने निर्वाचन क्षेत्र के वन-किनारे के गांवों में स्थानीय ग्रामीणों से मुलाकात की. इस दौरान, उन्होंने वायनाड में बढ़ते मानव-पशु संघर्ष पर ग्रामीणों की चिंता को गंभीरता से लिया और उन्हें इस संघर्ष को सुलझाने के लिए पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया.
प्रियंका गांधी ने मुथेदम के उचक्कुलम बस्ती का दौरा किया, जहां ग्रामीणों ने उन्हें यह बताया कि हाथी अक्सर उनके आवासीय क्षेत्रों में घुस आते हैं, जिससे स्थानीय लोगों की जान-माल की सुरक्षा पर खतरा मंडराता है. इस मुद्दे को लेकर प्रियंका ने खाइयों की जर्जर स्थिति पर चिंता जताई, जिन्हें कई साल पहले हाथियों को गांवों में घुसने से रोकने के लिए खोदा गया था.
प्रियंका गांधी ने वहां उपस्थित वन अधिकारियों से इन खाइयों की हालत की जांच करने के बाद कहा, “आवारा हाथियों को रोकने के लिए ये खाइयां अपर्याप्त हैं. स्थानीय निवासियों की चिंताएं पूरी तरह से जायज हैं.” उन्होंने यह भी कहा कि यह स्थिति अधिक नियंत्रण और ठोस उपायों की मांग करती है, ताकि मानव-पशु संघर्ष को कम किया जा सके और स्थानीय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.
प्रियंका गांधी ने वन अधिकारियों से अनुरोध किया कि वे इस समस्या का समाधान निकालने के लिए शीघ्र कार्य करें और क्षेत्र में प्रभावी उपाय लागू करें. उन्होंने यह भी बताया कि उनका कार्यालय इस मुद्दे पर लगातार ध्यान देगा और हर संभव प्रयास करेगा ताकि स्थानीय ग्रामीणों को राहत मिल सके.
प्रियंका गांधी का यह कदम वायनाड में बढ़ते मानव-पशु संघर्ष को हल करने के प्रति गंभीर प्रतिबद्धता को दर्शाता है. क्षेत्र के ग्रामीणों के साथ उनकी बातचीत और वन अधिकारियों से समस्याओं का समाधान निकालने की अपील इस बात का संकेत है कि उनकी प्राथमिकता स्थानीय लोगों की सुरक्षा और उनकी समस्याओं को सुलझाना है.