Parliament Security Breach Case: संसद सुरक्षा मामले में हुआ साइको एनालिसिस टेस्ट, असली मास्टरमाइंड का खुलासा

Parliament Security Breach Case: संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले में आरोपियों का किया गया साइको एनालिसिस टेस्ट. सूत्रों ने बताया कि इस घटना के मास्टरमाइंड ने कई बड़े खुलासे किए हैं. आज भी आरोपियों को इस टेस्ट से गुजरना पड़ सकता है.

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हाइलाइट्स

  • संसद सुरक्षा मामले में ललित झा ने किए कई खुलासे
  • सभी 6 आरोपियों का हुआ साइको एनालिसिस टेस्ट

Parliament Security Breach Case: संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले में सभी छह आरोपियों सागर शर्मा, मनोरंजन डी, नीलम, ललित झा, विशाल, अमोल शिंदे का साइको एनालिसिस टेस्ट कराया गया है. सूत्रों ने बताया कि आरोपी का साइको एनालिसिस टेस्ट के साथ-साथ एलवीए भी किया गया. ये परीक्षण एनएफएसयू में आयोजित किए जा रहे हैं. इस बात का खुलासा फॉरेंसिक जांच टीम से जुड़े सूत्रों ने किया है. उन्होंने बताया कि एलवीए वह टेस्ट है जिसका इस्तेमाल आमतौर पर इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद और एफबीआई जैसी एजेंसियां ​​करती हैं. इस परीक्षण में पूछताछ के दौरान आवाज की आवृत्ति का विश्लेषण किया जाता है. दिल्ली फोरेंसिक लैब के पास भी एलवीए टेस्ट की तकनीक है.

एनालिसिस टेस्ट है क्या?

वहीं, आरोपी की आदतें, उसकी समझ और उसका व्यवहार जानने के लिए साइको एनालिसिस टेस्ट कराया जाता है. सूत्रों ने बताया कि ये दोनों परीक्षण गुरुवार से शुरू हो गए. जो शुक्रवार तक जारी रहा. संभव है कि कुछ नए खुलासों की सच्चाई जानने के लिए शनिवार को भी टेस्ट से गुजरना पड़ सकता है. किसी व्यक्ति का साइको एनालिसिस टेस्ट करने में ढाई से तीन घंटे का समय लगता है.

ललित झा ने टेस्ट के दौरान किये कई खुलासे

सूत्रों ने बताया कि आरोपी को दोनों परीक्षणों से गुजरना पड़ा. शुक्रवार शाम तक सभी आरोपियों का टेस्ट लगभग अंतिम चरण में था. इस दौरान मास्टरमाइंड बताए जा रहे ललित झा ने कई बड़े खुलासे किए हैं. साइको एनालिसिस टेस्ट के दौरान ललित झा ने स्वीकार किया कि वह अपने संगठन को राष्ट्रीय स्तर पर बड़ा बनाना चाहते थे. आरोपी ने कई अन्य खुलासे भी किए हैं. पुलिस गिरफ्तार सभी छह आरोपियों के सिम कार्ड एक्टिवेट कर उनके मोबाइल फोन का डेटा रिकवर करने की कोशिश कर रही है. वहीं मेटा और इंस्टाग्राम से भी जानकारी आनी शुरू हो गई है.

बड़ा संगठन बनाने का था प्लान

जांच में पता चला कि मनोरंजन फंडिंग के लिए लगातार प्रयास कर रहा था. उनका लक्ष्य एक बड़ा संगठन खड़ा करना था. संगठन में भर्ती की जिम्मेदारी सागर शर्मा को दी गई थी. सागर शर्मा युवाओं का ब्रेनवॉश करने के लिए जिम्मेदार था.

क्या है पूरा मामला

13 दिसंबर को संसद पर 2001 में हुए आतंकी हमले की बरसी पर सुरक्षा चूक की एक बड़ी घटना सामने आई थी, जब लोकसभा की कार्यवाही के दौरान सागर शर्मा और मनोरंजन डी दर्शक दीर्घा से कूदकर सदन में घुस गए थे और नारे लगाते हुए 'कैन' के जरिए पीला धुआं फैलाया. घटना के तुरंत बाद दोनों को पकड़ लिया गया. लगभग उसी समय, दो अन्य लोग, अमोल शिंदे और नीलम देवी, जो संसद भवन के बाहर पीला और लाल धुआं छोड़ने वाली बेंतों के साथ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, को गिरफ्तार कर लिया गया.

गिरफ्तार आरोपियों ने 'तानाशाही नहीं चलेगी' समेत कुछ अन्य नारे लगाए थे. पुलिस ने मामले में इन चारों आरोपियों के अलावा ललित झा और महेश कुमावत को भी गिरफ्तार किया है. सभी छह आरोपियों से पुलिस हिरासत में पूछताछ की जा रही है.

संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले सभी आरोपी अलग-अलग समय पर विशाल के घर पहुंचे थे और यहीं रुके भी थे. विशाल उर्फ ​​विक्की पहले एक एक्सपोर्ट कंपनी में ड्राइवर था, लेकिन अब ऑटो चलाता है.