Punjab: हिमाचल में बीते शुक्रवार से ही लगातार बारिश हो रही है. जिसकी वजह से नदी-नाले एक बार फिर उफान पर हैं. साथ ही राहत- बचाव कार्य एक बार फिर से प्रभावित हुआ है. चंडीगढ़-मनाली हाईवे मंडी के 6 मील के साथ 9 मील में भी लैंडस्लाइड हो चुका है. यहां पहाड़ों से बार-बार पत्थर गिरते दिख रहे हैं. जिसकी वजह से हाईवे को तुरंत बंद किया गया. वहीं कालका-शिमला हाईवे पर भी बीती रात शोघी-तारादेवी के बीच लैंडस्लाइड देखने को मिला. मौसम विभाग की ओर से 8 जिलों में आज फ्लैश फ्लड की चेतावनी दी गई है.
पहाड़ों में लगातार हो रही वर्षा से पंजाब के तीनों डैमों के जलस्तर में बढ़ोत्तरी हो रही है. फाजिल्का में जलस्तर के बढ़ने से करीब 2 दर्जन सरहदी गांव वासियों को बाढ़ की चिंता सताने लगी है. पानी के तेज बहाव के कारण गांव कावांवाली के आस-पास सतलुज के किनारों में दरार देखने को मिल रही है. वहीं ग्रामीणों ने मिट्टी की मदद से बांध को मजबूत किया है, जिससे की पानी काफी हद तक रूका है. वहीं 12 दिनों में हरियाणा में मानसून कमजोर नजर आया. हरियाणा के 3 जिले रेड जोन की लिस्ट में आ चुके हैं. जिनमें फतेहाबाद, जींद,हिसार मौजूद है.
नई दिल्ली में बीते 6 दिन से हर दिन सामान्य से 50 प्रतिशत तक कम बारिश दिख रही है. जिससे मानसूनी बारिश अपने सामान्य कोटे से 1 प्रतिशत फ्माइनस में है. जुलाई माह में 7 प्रतिशत थी. मौसम विज्ञानिक ने बताया कि मानसून को 3 मौसमी घटनाएं प्रभावित कर रही है. हिंद महासागर में इंडियन ओशन डायपोल (आईओडी), प्रशांत महासागर में अल-नीनो/ला-नीना भूमध्य सागर में मैडन जुलियन ओसिलेशन धारा (एमजेओ) इसके प्रभाव से बारिश चरम पर है. अंदाजा पहले ही लगा लिया गया था, कि 6 अगस्त से होने वाला मानसून ब्रेक के बाद दो हफ्तों बाद दोबारा असर करेगी.