Jagjit Singh Dallewal: पंजाब के किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने रविवार को अपनी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल को खत्म कर दिया है. उन्होंने पिछले साल नवंबर महीने में किसानों की कई मांगों को लेकर भूख हड़ताल शुरू की थी. उन्होंने अपने हड़ताल को खत्म करने की घोषणा पंजाब के फतेहगढ़ साहिब जिले में स्थित सरहिंद में आयोजित किसान महापंचायत में की.
जगजीत सिंह दल्लेवाल ने वहां मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि 'आप (किसानों) सभी ने मुझसे आमरण अनशन समाप्त करने को कहा है. आंदोलन की देखभाल करने के लिए मैं आपका ऋणी हूं. मैं आपकी भावनाओं का सम्मान करता हूं. मैं आपके इस आदेश को स्वीकार करता हूं.'
किसान नेता ने यह फैसला केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू द्वारा उनसे भूख हड़ताल समाप्त करने का आग्रह करने के एक दिन बाद लिया है. संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के संयुक्त मंच के वरिष्ठ नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने किसानों की मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए पिछले साल 26 नवंबर को अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की थी. हालांकि जनवरी में बातचीत शुरू होने के बाद उन्होंने चिकित्सा सहायता लेना शुरू कर दिया था, लेकिन उन्होंने अब तक अपना उपवास जारी रखा था.
केंद्रीय रेल और खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने शनिवार को दल्लेवाल से भूख हड़ताल खत्म करने और केंद्र के साथ बातचीत में शामिल होने की अपील की. एक वीडियो संदेश में बिट्टू ने कहा कि आपका स्वास्थ्य अधिक महत्वपूर्ण है और आपका जीवन पंजाब के लोगों के लिए कीमती है क्योंकि किसानों और खेत मजदूरों के संघर्ष के लिए आपके नेतृत्व की हमेशा जरूरत होगी. उन्होंने कहा कि भाजपा के मंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं ने लोकसभा सत्र के दौरान दल्लेवाल के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली थी और उनकी भलाई के लिए शुभकामनाएं दी थीं.
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी किसान नेताओं से आगामी 4 मई को होने वाली वार्ता में भाग लेने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि भारत सरकार के प्रतिनिधियों और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच उनकी मांगों को लेकर चल रही वार्ता का सिलसिला जारी है. किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल अब अस्पताल से वापस आ गए हैं और हम उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं. हम उनसे भी अनुरोध करते हैं कि वे अपना अनशन समाप्त करें और हम पहले से तय तिथि के अनुसार 4 मई को सुबह 11 बजे किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से वार्ता करेंगे.