किडनी कांड को लेकर इंडस इंटरनेशनल हॉस्पिटल (Indus International Hospital) में एक बड़ा खुलासा हुआ है। जहां SIT की जाँच के दौरान तीन और फर्जी मामले सामने आ गए हैं। आपको बता दें, इससे पहले 4 फर्जी मामले सामने आये थे। जिसके बाद अब कुल 7 मामले देखने को मिल चुके हैं।
हैरानी की बात है की पिछले 3 साल से हॉस्पिटल में करीबन 35 किडनी ट्रांसप्लांट की गई हैं। जिसमें से केवल दो मामले एक दूसरे से अलग थे जहां सेंट्रल कमेटी की मंजूरी ली गयी थी। जबकि दूसरी तरफ 33 मामले किडनी लेन – देन में कुछ करीबी रिश्तेदार शामिल हैं। मरीज और डोनर की उम्र के हिसाब से कभी लड़का तो कभी भाई या अन्य रिश्तेदार बताया गया है।
हॉस्पिटल की ओर से गठित समिति की अनुमोदित किया गया है जिसमें यह नियम है की जरूरतमंद मरीज को उसके परिजन किडनी डोनेट कर सकते हैं। जहां हॉस्पिटल को किसी की बाहरी मंजूरी की आवश्यकता की जरूरत नहीं। बशर्ते हॉस्पिटल की कमेटी यह जरूर चेक कर ले की किडनी देने और लेने वाले एक – दूसरे के सगे रिश्तेदार हैं। जिसके लिए उन्हें हॉस्पिटल में अपने दस्तावेजों को दिखाना होगा।
बता दें, की हॉस्पिटल का यह सिस्टम गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों का फायदा उठाकर पैसे का लालच देकर लाखों रुपए की किडनी बेच रहा है। जिसमें सिरसा के एक 28 वर्षीय कपिल नामक युवक को पैसे का लालच दिया गया और फिर उसकी किडनी निकालकर लाखों रुपयों में बेच दिया। जिसके बाद इस मामले का खुलासा हुआ और 5 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गयी। इसमें पुलिस ने हॉस्पिटल के ऑर्डिनेटर अभिषेक और यूपी के रहने वाले राम नारायण को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। जांच जारी है और एक एसआईटी (SIT) टीम का गठन किया गया है।
अब तक किडनी ट्रांसप्लांट के करीबन 35 फर्जी मामले सामने आ चुके हैं जिसमें से 28 की जांच एसआईटी (SIT) ने की है। अब 7 ओर फर्जी मामले सामने आएं हैं। ये मामले – जालंधर, लुधियाना, मेरठ, बरेली, कुरुक्षेत्र, बनूड़, सिरसा के से संबंधित हैं। थानाध्यक्ष जसकंवल सिंह ने इस बात की पुष्टि करते हुए बताया की अब तक किडनी देने वाले लोगों को रिश्तेदार बताने के लिए राज़ी किया फिर हॉस्पिटल में उनका रिश्तेदार बता कर ट्रांसप्लांट करवाया। अब तक ट्रांसप्लांट में जितने में दस्तावेज़ मिलें हैं वह सभी जाली हैं।