Punjab News: 15 अगस्त के दिन सभी लोग देश की आजादी का जश्न मनाते हैं. वहीं 1947 को पंजाब एंव बंगलादेश दो ऐसे राज्य थे, जिन्होंने बंटवारे का दर्द देखा था. रिपोर्ट के मुताबिक इसमें 10 लाख के लगभग लोगों ने जान गंवाई थी. वहीं पंजाब में श्री अकाल तख्त साहिब ने उन दस लाख लोगों की आत्मा की शांति के लिए पाठ करते हुए अरदास की. जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने बताया कि हर वर्ष अरदास करने के लिए लोगों को कहा गया है.
श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार का कहना है कि 1947 की आजादी के वक्त आजादी के 10 लाख बेकसूर लोग अपनी जान से हाथ धो बैठे थे. करोड़ों लोग घर से बेघर हो गए थे. लोगों को अपनी जमीनों को छोड़ उन्हें यहां आकर बसना पड़ा था. आज सभी लोग आजादी तो मनाते हैं, लेकिन उन शहीदों को कोई भी याद नहीं करता. उन्होंने बताया कि श्री अकाल तख्त साहिब पर आज उनके लिए अरदास की गई है.
1947 के बंटवारे की अगर बात की जाए तो आजादी के वक्त रेडक्लिफ लाइन ने दोनों देशों को दो हिस्सों में बांटकर पाकिस्तान बना दिया गया था. जिसमें पंजाब एंव बंगाल भी दो अलग-अलग राज्यों में बंट गए थे. इस दरमियान संप्रदायिक झगड़े हुए थे. जिसमें पाकिस्तान जाने वाले मुस्लमानों को और भारत आने वाले हिंदूओ और सिखों का बेरहमी से खून कर दिया गया था. इस साम्प्रदायिक दंगों में लगभग 10 लाख लोगों ने अपनी जान गवां दी थी.