Punjab News: पंजाब में धान बुआई का समय आ चुका है। प्रदेश में कम बारिश की संभावना के चलते अतिरिक्त बिजली की जरूरत पड़ेगी। सीएम मान इन 4 महीने के लिए एक हजार मेगावॉट अतिरिक्त बिजली के लिए केंद्रीय मंत्री आरके सिंह को पत्र लिख चुके हैं, लेकिन उनकी ये मांग अब तक अधूरी है। दरअसल, सीएम मान ने आर के सिंह को लिखे पत्र में सेंट्रल पूल से पंजाब में 15 जून से 15 अक्टूबर, 4 महीने 1 हजार मेगावॉट अतिरिक्त बिजली की जरूरत बताई है। इसका कारण पंजाब में धान की फसल की पैदावार है। इसके लिए पानी की अधिक जरूरत होती है।
मौसम विभाग ने पंजाब में सामान्य से कम बारिश होने की आशंका जताई है। जिसका नतीजा ये हो सकता है कि धान की फसल की बुआई के दौरान किसानों के सामने बिजली संकट खड़ा हो सकता है। बता दें कि पंजाब में धान का मौसम 10 जून से शुरू हो चुका है। पंजाब सरकार प्रदेश के किसानों पर गहराने वाले बिजली संकट को लेकर चिंतित है लेकिन फिलहाल केंद्र सरकार की तरफ से अभी कोई जवाब नहीं मिल पाया है।
पंजाब सरकार बिजली संकट से बचाव के लिए हर संभव प्रयास में जुटी है। इसी कारण पंजाब में इस बार धान की फसल एक साथ न लगाकर पंजाब सरकार की ओर से इसे तीन हिस्सों में बांटा गया है। सबसे पहले 7 जिलों में धान की फसल लगाई जाएगी। इनमें फिरोजपुर, फरीदकोट, पठानकोट, गुरदासपुर, तरनतारन, श्री फतेहगढ़ साहिब और शहीद भगत सिंह नगर शामिल हैं। सीएम मान ने किसानों से अपील करते हुए कहा है कि पिछले साल भी इसी तरह फसल लगाई गई थी और बिजली संकट का सामना नहीं करना पड़ा था। उन्होंने इस बार भी किसानों से साथ मांगा है, ताकि बिना किसी रूकावट 8 घंटे बिजली सप्लाई जारी रहे।