Punjab News: आज चंडीगढ़ में पंजाब भवन में विभिन्न किसान संगठनों के प्रतिनिधि अपनी मांगों को लेकर अफसरों के साथ बैठक करेंगे. हालांकि पंजाब सरकार इस बैठक में शामिल नहीं होंगे. इस बैठक में पंजाब सरकार का कोई मंत्री शामिल होगा या नहीं इसकी भी फिलहाल कोई जानकारी नहीं है. वहीं किसान संगठन की अगली रणनीति क्या रहेगी यह बैठक के दौरान ही रह सकती है. किसान आंदोलन किस दिशा में आगे बैठाएंगे और राज्य व केंद्र सरकार के समक्ष अपना विरोध कैसे दर्ज कराते हैं इस संबंध में आज किसान नेता बात करेंगे.
धरना प्रदर्शन से एक दिन पहले पुलिस एक्शन-
गौरतलब है कि इससे पहले भी किसान संगठनों द्वारा अपनी मांगों को लेकर चंडीगढ़ में धरना प्रदर्शन करने वाले थे, हालांकि पंजाब और चंडीगढ़ पुलिस ने किसानों के धरना प्रदर्शन को रोकने के लिए एक दिन पहले ही सभी बड़े नेताओं को हिरासत में ले लिया था. इसके बाद किसानों ने सड़क पर आकर टोल प्लाजा घेरने समेत विरोध प्रदर्शन करने की बात कही थी लेकिन किसानों को चंडीगढ़ के बॉर्डर तक नहीं पहुंचने दिया गया. पुलिस ने किसानों के ऊपर लाठीचार्ज किया जिसमें कई किसान भी घायल हो गए थे.
प्रदर्शन के दौरान किसान नेता प्रीतम सिंह की हुई मौत-
आपको बता दें कि, किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान लोंगोवाल में एक किसान प्रीतम सिंह की ट्रैक्टर-ट्रॉली के नीचे ने से मौत हो गई थी. इस मामले में किसान नेता श्रवण सिंह पंधेर ने कहा कि, संगरूर के लोंगोवाल थाने के सामने प्रदर्शन के दौरान शहीद हुए किसान प्रीतम सिंह मंडेर के परिवार को 10 लाख का चेक दिया गया है. सरकारी नौकरी का पत्र परिवार को प्रीतम सिंह भोग पर दिया जाना है. वहीं किसान नेताओं को कहना है कि, सहमति में मृतक किसान नेता के परिवार का पूरा कर्ज चुका दिया गया है. वहीं पुलिस के लाठीचार्ज के दौरान गंभीर रूप से घायल लोगों को 2 लाख और मामूली रूप से घायल हुए किसानों को एक लाख रुपये दिए गए हैं.
वहीं बताया जा रहा है कि, टूटे हुए औजारों की पूरी कीमत का सरकार द्वारा भुगतान किया जाएगा. इसके पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए वरिष्ठ किसान नेताओं को रिहा कर दिया गया है. जिसके बाद किसानों ने अपना धरना प्रदर्शन रोक दिया है. किसान नेताओं ने धरना प्रदर्शन को रोक दिया है लेकिन संघर्ष जारी रखने को कहा है. उन्होंने ये भी कहा है कि, अगर आगामी बैठकों में उनके हित परिणाम नहीं निकले तो 16 संगठन बैठक कर संघर्ष की अली रूपरेखा और कार्यक्रम तय करेंगे.