Punjab News: सांसद सुशील रिंकू को लोकसभा से सस्पेंड ऑडर, क्या है पूरा मामला

Punjab News: आम आदमी पार्टी (आप) सांसद सुशील रिंकू को लोकसभा से सस्पेंड ऑडर मिल गया है. सांसद को मानसून सत्र के पूरे सेशन के लिए सस्पेंड किया गया है. उनके खिलाफ ये बड़ा निर्णय लोकसभा अध्यक्ष ने तब लिया जब लोकसभा में बीजेपी समर्थकों ने दिल्ली के लिए लाए बिल का विरोध करते हुए […]

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Punjab News: आम आदमी पार्टी (आप) सांसद सुशील रिंकू को लोकसभा से सस्पेंड ऑडर मिल गया है. सांसद को मानसून सत्र के पूरे सेशन के लिए सस्पेंड किया गया है. उनके खिलाफ ये बड़ा निर्णय लोकसभा अध्यक्ष ने तब लिया जब लोकसभा में बीजेपी समर्थकों ने दिल्ली के लिए लाए बिल का विरोध करते हुए सांसद ने बिल की कापियां फाड़ दी.

पूरा मामला

लोकसभा सांसद ने बीते दिन दिल्ली में AAP सरकार और केंद्र सरकार के बीच के विवाद को देखते हुए बिल पेश किया गया था. इस बिल के अनुसार केंद्र सरकार के नियंत्रण का निर्णय लिया गया. इस बात पर सुशील रिंकू ने कहा ये संघीय ढांचे पर हमला करने जैसा है. केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ कार्य कर रही है. दिल्ली की चुनी हुई सरकार से उनके अधिकार छीनने की कोशिश की जा रही है. जिसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपनी बात रखते हुए कहा कि दिल्ली कोई राज्य नहीं है. यदपि केंद्रशासित प्रदेश है. इसलिए ये कहना की राज्य का अधिकार छीना जा रहा है. ये पूरी तरह से गलत है.

इकलौते लोकसभा सदस्य

आपको बता दें कि आम आदमी पार्टी के इकलौते लोकसभा सदस्य हैं सुशील रिंकू. जालंधर से उन्होंने लोकसभा चुनाव जीता था. लेकिन अब सांसद को दिल्ली सेवा बिल को फाड़ने और इसका विरोध करने को लेकर मानसून सत्र के शुरू में सासंद को पूरे सत्र के लिए सस्पेंड कर ऑडर दे दिया गया है. अब इसके बाद लोकसभा में आम आदमी पार्टी का कोइ नेता बचा.

सदन की तौहीन बता किया सस्पेंड

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने लोकसभा में दिल्ली के लिए लाए बिल फाड़ने को सदन का अपमान बताया है. वहीं सुशील रिंकू ने अध्यक्ष के पास जाकर बिल फाड़ने के बाद उसे हवा में उछाल दिया. इस दौरान संसद में मौजूद सदस्यों ने उन्हें बहुत समझाया. लेकिन उन्होंने अपना गुस्सा दिखाते हुए बिल को फाड़ दिया.

कांग्रेस से था सुशील रिंकू का संबंध

सुशील कुमार रिंकू पूर्व कांग्रेस नेता हैं. सांसद को किसी गलत गतिविधियों के कारण कांग्रेस पार्टी ने उन्हें अपने पार्टी से निकाल दिया. जिसके बाद ठीक अगले ही दिन आम आदमी पार्टी ने रिंकू का हाथ थामा, इसके बाद उन्हें पार्टी की तरफ से टिकट भी दे दिया गया. वहीं जालंधर से लोकसभा उपचुनाव हुआ, जिसमें रिंकू 38 दिनों के भीतर आप पार्टी के सांसद बन गए. इस चुनाव में पहले नंबर पर सांसद की जीत हुई तो वहीं दूसरे नंबर पर कांग्रेस पार्टी रही.