Rahul Gandhi IIT Madras: लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी शनिवार को मद्रास IIT पहुंचे थे. जहां उन्होंने छात्रों से कई मुद्दे पर बात की. उन्होंने छात्रों को अपनी पार्टी कांग्रेस और बीजेपी के दृष्टिकोण के अंतर को बताया. उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस हमेशा न्यायसंगत तरीकों को मानती है. वहीं बीजेपी का दृष्टिकोण 'ट्रिपल-डाउन' विकास पर आधारित है. ट्रिपल-डाउन विकास का मतलब होता है कि विकास के लाभ ऊपरी वर्ग के लोगों से होते हुए नीचे आना.
राहुल गांधी ने इस दौरान छात्रों के कई सवालों का जवाब दिया और उन्होंने कई मुद्दों पर बातचीत की. कांग्रेस नेता ने अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर भी खास चर्चा की. इसके अलावा शिक्षा और भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर भी चर्चा की गई.
छात्रों से बात करते हुए राहुल गांधी ने कांग्रेस और बीजेपी के बीच का अंतर बताया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस मानती है कि किसी भी संसाधन का वितरण ज्यादा से ज्यादा व्यापक और समावेशी होना चाहिए. जिससे की ज्यादा लोगों का विकास हो, लेकिन भाजपा ट्रिपलडाउन' विकास को मानती है. जिसका मतलब है कि विकास का रास्ता ऊपर के वर्ग से होते हुए नीचे जाए. जिससे की लोगों का संघर्ष बढ़ जाता है.
राहुल गांधी ने अपनी इस खास मुलाकात की एक झलक अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी साझा किया है. उन्होंने अपने व्हाट्सएप चैनल पर अपनी तस्वीर साझा करते हुए लिखा भारत में सफलता को फिर से परिभाषित करने और शिक्षा की नई कल्पना करने पर चर्चा की गई. इसके बाद राहुल गांधी ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा कि मेरा मानना है कि किसी भी सरकार की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है कि वो अपने लोगों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की गारंटी दे. शिक्षा को और भी ज्यादा मजबूत करने की जरुरत है.
I believe it is one of the foremost responsibilities of any government to guarantee quality education to its people. This cannot be achieved through privatisation and financial incentives.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 4, 2025
We need to spend a lot more money on education and strengthening government institutions. pic.twitter.com/tBkZxj6NmN
राहुल गांधी ने भारत के अंतरराष्ट्रीय रिश्ते पर भी प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि हमें दुनिया भर में आगे बढ़ने के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि भारत चीन और अमेरिका के बीच कैसे संतुलन बनाता है. ऐसी स्थिति में, जहां दो महाशक्तियां आमनेसामने हैं, हमारे पास संतुलन बनाने का समीकरण है. संतुलन बनाने की क्षमता है. इसलिए भारत ऐसी जगह पर है जहाँ वह अपनी शक्ति से कहीं ज़्यादा हासिल कर सकता है. इसलिए अगर भारत समझदारी से इस मामले को बिना कोई बड़ी गलती किए पार करना होगा. अगर भारत ऐसा कर लेता है, तो हमें इससे फ़ायदा हो सकता है.