मुंबई : महाराष्ट्र के मंत्री और प्रदेश भाजपा प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले ने बुधवार को राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि उन्हें अब कांग्रेस पार्टी के अस्तित्व के बारे में अधिक चिंता करनी चाहिए. बावनकुले ने आरोप लगाया कि गांधी की मति भ्रष्ट हो चुकी है और वह लगातार सत्ता खो रहे हैं.
बावनकुले ने राहुल गांधी के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) ने 2024 के लोकसभा चुनाव में हुई हार से सबक लिया और सुधारात्मक कदम उठाए. इससे विधानसभा चुनाव में 'महायुति' की जीत सुनिश्चित हुई. पिछले सप्ताह, राहुल गांधी ने लोकसभा और राज्य चुनावों के बीच मतदाता सूची में विसंगतियों का आरोप लगाया था.
बावनकुले ने कहा, ‘‘राहुल गांधी सत्ता खो रहे हैं, लेकिन उन्हें इस बात की ज्यादा चिंता करनी चाहिए कि उनकी पार्टी का अस्तित्व रहेगा या नहीं.’’ उन्होंने यह भी कहा कि भा.ज.पा. ने 2024 के लोकसभा चुनाव में अपनी गलतियों से सीखा और विधानसभा चुनाव में अपनी स्थिति मजबूत की.
भा.ज.पा. ने 2024 लोकसभा चुनाव में अपनी हार को एक सिखने का अवसर माना और पार्टी के प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए कई कदम उठाए. बावनकुले ने कहा, ‘‘हमने 29 बिंदुओं पर काम किया और अपनी गलतियों को सुधारने पर ध्यान केंद्रित किया.’’
उन्होंने कांग्रेस और महा विकास आघाड़ी (एमवीए) पर निशाना साधते हुए कहा कि ये दल अपने चुनावी प्रदर्शन को लेकर जमीनी हकीकत से अनजान थे. बावनकुले ने दावा किया कि विधानसभा चुनाव के दौरान भा.ज.पा. के लगभग 250 नेता प्रचार के लिए महाराष्ट्र आए थे और पार्टी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी.
विधानसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी द्वारा मतदाता पंजीकरण अभियान को लेकर उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए बावनकुले ने कहा कि कांग्रेस ने भी मतदाता पंजीकरण अभियान चलाया था, लेकिन भाजपा ने कामठी विधानसभा सीट पर 11,000 मतों से अधिक मतों से जीत हासिल की.
बावनकुले ने कांग्रेस के भविष्य पर भी सवाल उठाते हुए दावा किया कि 2047 तक पार्टी के कई नेता उसे छोड़ देंगे. उन्होंने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि वह देश का अध्ययन नहीं करते और अपना स्थान भी नहीं बना पा रहे हैं.
चंद्रशेखर बावनकुले ने कांग्रेस और राहुल गांधी की आलोचना करते हुए स्पष्ट किया कि भाजपा ने अपनी गलतियों से सीखा है और भविष्य में पार्टी को और मजबूती से लड़ा जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस का भविष्य अंधेरे में है, और पार्टी के नेता अपने ही आंतरिक संघर्षों में उलझे हुए हैं.