राजस्थान: राज्यपाल बागड़े ने बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने का किया आह्वान

जयपुर :  राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने शनिवार को महिला शिक्षा को प्रोत्साहित करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि लड़कियां किसी से कम नहीं हैं और आजकल लड़कियां समाज के हर क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रही हैं.

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Courtesy: social media

जयपुर :  राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने शनिवार को महिला शिक्षा को प्रोत्साहित करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि लड़कियां किसी से कम नहीं हैं और आजकल लड़कियां समाज के हर क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रही हैं.

लड़कियों के प्रति प्रेरणादायक संदेश

राज्यपाल बागड़े ने बालिकाओं से अच्छे अभ्यास और मेहनत करने का आग्रह किया, क्योंकि यही सफलता की कुंजी है. उन्होंने यह बात नागौर के मूण्डवा में नवनिर्मित संत श्री दुलाराम कुलरिया व संत श्री पदमाराम कुलरिया आडिटोरियम और आयचुकी देवी गंगाराम राठी छात्रावास भवनों के लोकार्पण समारोह में कही. इसके अलावा, उन्होंने बीपीएड कॉलेज के भवन निर्माण का शिलान्यास भी किया.

उत्कृष्ट कार्य के लिए बालिकाओं को सम्मानित किया

इस अवसर पर राज्यपाल ने उत्कृष्ट कार्य करने वाली लड़कियों को सम्मानित भी किया। उन्होंने कहा, "दुनिया में सबसे अधिक प्रतिभा भारत में है और यह आज भी मौजूद है." उन्होंने आगे कहा, "जिसके पास कौशल होगा, उसे रोजगार मिलेगा, और यही कारण है कि भारत सरकार कौशल विकास के प्रशिक्षण कार्यक्रम चला रही है."

राज्यपाल बागड़े ने बच्चों से यह भी कहा कि वे अपनी शारीरिक शक्ति बढ़ाएं और इतना सशक्त बनें कि दूसरों को भी डर लगे. उन्होंने यह स्पष्ट किया कि केवल वही व्यक्ति सफल होगा, जो अपनी क्षमता और कौशल में निरंतर वृद्धि करेगा. 

कौशल और बौद्धिक क्षमता का महत्व

राज्यपाल ने कहा, "हमारे हाथ में कला है तो हम निश्चित रूप से सफल होंगे." उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग अपने कौशल और बौद्धिक क्षमता में वृद्धि करेंगे, वही जीवन में सफलता की नई ऊंचाइयों तक पहुंचेंगे.

केन्द्रीय मंत्री जयंत चौधरी का संदेश

इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने भी हिस्सा लिया और कार्यक्रम की सराहना की. उन्होंने कहा कि राजस्थान की भूमि पर एक दूसरे के सहयोग की भावना प्रबल है, और यही भारतीयता और राष्ट्रवाद का सही रूप है.

राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े का यह आह्वान बालिका शिक्षा को एक नई दिशा देने और समाज में महिलाओं की भूमिका को सशक्त बनाने की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है. उनके शब्दों ने न केवल बच्चों बल्कि पूरे समाज को शिक्षा और कौशल के महत्व के बारे में जागरूक किया. 

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