राजस्थान के गांवों में नहीं बल्कि शहरी क्षेत्रों में भी कुपोषण बढ़ रहा है. इसका खुलासा महिला एवं बाल विकास विभाग की हाल ही में जारी रिपोर्ट में हुआ है. रिपोर्ट के अनुसार जिले में 7 हजार से ज्यादा बच्चे कुपोषण की जद में है. मामले को बढ़ते देख राज्य की उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने चिंता जताया है. बुधवार को शासन सचिवालय में आयोजित बैठक के दौरान उप मुख्यमंत्री ने बड़ा फैसला लिया है. उन्होंने आंगनबाड़ियों में आने वाले बच्चों को सुपोषण के लिए सप्ताह में तीन बार दूध दिए जाने की बजट घोषणा को जल्द से जल्द लागू करने के लिए तत्परता से काम करने के निर्देश दिए हैं.
इस बैठक में शासन सचिव महिला एवं बाल विकास विभाग डॉ. मोहनलाल यादव, निदेशक समेकित बाल विकास सेवाएं ओम प्रकाश बुनकर व निदेशक बिन्दु करुणाकर भी मौजूद थे. बैठक के दौरान उप मुख्यमंत्री ने महिला बाल विकास विभाग की बजट घोषणाओं की क्रियान्वित्ति के संबंध में चर्चा करते हुए कहा कि सप्ताह में तीन बार दूध देने की योजना के लागू होने पर बच्चों का पोषहार के प्रति आकर्षण बढ़ेगा , उन्हें बेहतर पोषण मिलेगा तथा उनकी उपस्थिति में बढ़ोतरी होगी.
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि आंगनबाड़ी पर आने वाले बच्चों में पोषण बढ़ाने के लिए नवाचर किया जाएं जिससे बच्चों के बेहतर पोषण को सुनिश्चित करने के संकल्प को पूरा किया जा सके. उन्होंने पोषाहार और पूरक पोषाहार की रेसिपी पर भी चर्चा करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि, पोषण विशेषज्ञों से सलाह लेकर रेसिपी में आवश्यक संशोधन किये जाएं.
प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में उस क्षेत्र की आवश्यकता और उपयोगिता के अनुसार पांच-पांच नए आंगनबाड़ी केन्द्र खोले जाने के कार्य को भी शीघ्रता से पूरा किया जाए. उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी ने निर्देश दिए कि आईसीडीएस और महिला अधिकारिता निदेशालय समन्वित रूप से उड़ान योजना को बेहतर बनाने के लिए कार्य योजना बनाकर काम करें.