Ayodhya: 22 जनवरी को अयोध्या नगरी में भगवान श्रीराम की प्राण-प्रतिष्ठा होनी है. भव्य श्रीराम मंदिर का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों होने वाला है. रामलला के स्वागत के लिए अयोध्या को त्रेतायुग की तर्ज पर सजाया जा रहा है. इसके साथ ही इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पक्ष-विपक्ष सहित अन्य क्षेत्रों से जुड़े कई महत्वपूर्ण लोगों को न्योता भी भेजा जा चुका है.
इसके अलावा इस मौके पर अयोध्या में भारी भीड़ होने की पूरी संभावना जताई जा रही है. इसी के मद्देनजर अयोध्या में सुरक्षा व्यवस्था पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है. अधिकारियों के अनुसार, इस दिन अयोध्या की सुरक्षा व्यवस्था किसी अभेद्य किले की तरह होगी.
अयोध्या की सुरक्षा व्यवस्था में लगे अधिकारियों के अनुसार, 22 जनवरी को अयोध्या में मंदिर की सुरक्षा के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सर्विलांस शुरू किया जा सकता है. गौरतलब है कि राम मंदिर को लेकर पहले भी कई तरह की धमकियाँ मिल चुकी हैं, जिसके बाद प्रशासन की ओर से ये कदम उठाया जा रहा है.
AI सर्विलांस बार-बार आने वाले भक्तों या लोगों के समूह द्वारा अपनाई जाने वाली किसी सामान्य प्रवृत्ति, या मंदिर परिसर के भीतर देखी गई किसी अन्य संदिग्ध प्रवृत्ति का पता लगाने में मदद कर सकता है. इसकी मदद से सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर आ जाएंगी और समय पर कार्रवाई करने में सक्षम होंगी.
अयोध्या धाम की सुरक्षा व्यवस्था में यूपी पुलिस के साथ ही केन्द्रीय सुरक्षा एजेंसियां भी लगी हुई हैं. सुरक्षा के मद्देनजर विभिन्न क्षेत्रों को अलग-अलग जोन में बांटा गया है. जिस जगह पर रामलला विराजमान हैं, उस जगह को रेड जोन में रखा गया है. इस रेड जोन में मैनुअल के साथ वीडियो सर्विलांस से भी हर गतिविधि पर नजर जा रही है. यहां पर इंटेलिजेंस यूनिट के 38 अफसर हर गतिविधि पर नजर रखने के लिए तैनात किये गए हैं.
अयोध्या में संभावित खतरे को देखते हुए यूपी पुलिस द्वारा मैनुअल के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी निगरानी बढ़ा दी गई है. इसके साथ ही राम मंदिर के आस-पास के इलाके के सभी टैक्सी चालकों, ई-रिक्शा चालकों, होटल कर्मचारियों, भिखारियों, पुजारियों, निवासियों से लेकर प्रत्येक व्यक्ति की सत्यापन प्रक्रिया की जा रही है. इसके अलावा कार्यक्रम के अतिथि सूची और उनके साथ आने वाले लोगों या कर्मचारियों की सूची बनाकर उनका भी सत्यापन किया जा रहा है.
22 जनवरी को अयोध्या की ओर जाने वाल सभी सड़कों पर यातायात में बदलाव किया जाएगा. इसके साथ ही इस दिन शहर में अर्धसैनिक बल और पीएसी की 26 कंपनियों के साथ-साथ लगभग 8000 नागरिक पुलिस कर्मियों को तैनात किया जाएगा. इसके अलावा यूपी एंटी टेरर स्क्वाड (एटीएस) और स्पेशल टास्क फोर्स की टीमें और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड जैसी केंद्रीय एजेंसियां भी तैनात रहेंगी.