Ram Mandir Inauguration: उत्तर प्रदेश के अयोध्या नगरी में 22 जनवरी को हो रहे राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के निमंत्रण को कांग्रेस के अस्वीकार करने के बाद देश के सभी सत्ताधारी और राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है. इस कड़ी में अब असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने बयान दिया और कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है.
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, कांग्रेस द्वारा राम मंदिर के निमंत्रण को अस्वीकार करने पर, असम के सीएम और भाजपा नेता हिमंत बिस्वा सरमा कहते हैं, "मेरे विचार में, उन्हें बिल्कुल भी आमंत्रित नहीं किया जाना चाहिए था. लेकिन वीएचपी ने उन्हें अपने कुछ पापों को सुधारने का एक सुनहरा अवसर दिया. लेकिन वे चूक गए. मुझे उन पर दया आती है और दुख होता है."
असम में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने पर सीएम हिमंत बिस्वा सरमा का कहना है कि, "उत्तराखंड और गुजरात पहले यूसीसी लाएंगे. असम कुछ अतिरिक्त के साथ उनका अनुसरण करेगा. मैं उत्तराखंड के यूसीसी बिल को देखने का इंतजार कर रहा हूं. हम भी ऐसा ही लाएंगे." असम में, आदिवासी समुदाय को यूसीसी के दायरे से छूट दी जाएगी."
असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने आगे कहा कि, ''हम राज्य के ग्रामीण इलाकों में महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए एक नई योजना 'मुख्यमंत्री महिला उद्यमिता' शुरू करेंगे. इस साल स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी 7 लाख महिलाओं की वार्षिक आय बढ़ी है.'' इस योजना के तहत, पहले वर्ष में, सरकार 10,000 रुपये की प्रारंभिक राशि देगी.
आगे उन्होंने कहा कि, दूसरे वर्ष में, राज्य सरकार 12,500 रुपये देगी और बैंक लाभार्थियों को 12,500 रुपये की ऋण राशि देगा. बैंक ऋण लाभार्थी को चुकाना होगा. महिला लाभार्थियों के लिए कुछ मानदंड हैं - सामान्य और ओबीसी श्रेणियों की महिलाओं के 3 से अधिक बच्चे नहीं होने चाहिए. मोरन, मटक, चाय समुदाय और एससी/एसटी की महिला लाभार्थियों को चाहिए अधिकतम केवल 4 बच्चे हों."
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