Rani Laxmibai Jayanti: रानी लक्ष्मीबाई की जयंती आज, पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि

Rani Laxmibai Jayanti: रानी लक्ष्मीबाई की वर्ष 1858 में ग्वालियर के नजदीक कोटा-की-सराय नामक जगह पर ब्रिटिश औपनिवेशिक शासकों से लड़ते हुए जान दे दी.

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हाइलाइट्स

  • रानी लक्ष्मीबाई का जन्म 19 नवंबर साल 1828 को हुआ था.
  • नारी शक्ति और वीरता की प्रतीक झांसी की रानी लक्ष्मीबाई जी की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन.

Rani Laxmibai Jayanti: आज यानि 19 नवंबर के दिन नारी शक्ति की बड़ी मिसाल देने वाली रानी लक्ष्मीबाई की जयंती मनाई जा रही है. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ट्वीटर हैंडल पर पोस्ट डालते हुए उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की है. 

पीएम ने किया ट्वीट 

मिली जानकारी के मुताबिक सोशल मीडिया हैंडल पर रानी लक्ष्मीबाई की बहादुरी के दिनों को याद करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा कि, "भारतीय नारी शक्ति की वीरता की प्रतीक रानी लक्ष्मीबाई को उनकी जयंती पर मेरी भावभीनी श्रद्धांजलि." उन्होंने कहा कि विदेशी शासन के अत्याचारों के विरुद्ध उनके साहस, संघर्ष व बलिदान की कहानी देश की हर पीढ़ी को हमेशा प्रेरित करती रहेगी." 

दिल्ली सीएम ने दी श्रद्धांजलि

वहीं पीएम नरेंद्र मोदी के अतिरिक्त रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी रानी लक्ष्मीबाई को आज के दिन याद किया है. दरअसल उन्होंने अपने X पर पोस्ट करके लिखा कि, रानी लक्ष्मीबाई ने भारत के प्रथम स्वाधीनता संग्राम में अपनी वीरता के साथ बलिदान से करोड़ों भारतवासियों को प्रेरित किया है. जबकि उनकी जयंती के शुभ अवसर पर मैं उन्हें स्मरण एवं नमन करता हूं. साथ ही दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी रानी लक्ष्मीबाई की जयंती के मौके पर उन्हें श्रद्धांजलि दी और लिखा कि, नारी शक्ति और वीरता की प्रतीक झांसी की रानी लक्ष्मीबाई जी की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन.

झांसी की रानी की कहानी 

आपको बता दें कि झांसी की रानी के नाम से दुनिया भर में पहचान बनाने वाली रानी लक्ष्मीबाई ने भारत के पहले स्वतंत्रता संग्राम 1857 से 1858 के दरमियान महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी. वहीं वर्ष 1857 के भारतीय विद्रोह की प्रमुख शख्सियतों में से एक रानी लक्ष्मीबाई को माना जाता है. जबकि उनका जन्म 19 नवंबर साल 1828 को हुआ था. इतना ही नहीं रानी लक्ष्मीबाई की वर्ष 1858 में ग्वालियर के नजदीक कोटा-की-सराय नामक जगह पर ब्रिटिश औपनिवेशिक शासकों से लड़ते हुए उन्होंने अपनी जान गंवा दी.