मुंबई में मानसूनी बीमारियों का तेजी से बढ़ रहा खतरा, जून के मुकाबले जुलाई में बढ़ी मरीजों की संख्या

Mumbai News: हर साल मानसून के दौरान मुंबई में बरसाती बीमारियों का खतरा अधिक बढ़ जाता है. इस साल भी मानसूनी बीमारियों का आंकड़ा इस कदर बढ़ा है कि लोगों के बीच डर का माहौल है. शहर में  मलेरिया, डेंगू, गैस्ट्रो, स्वाइन फ्लू और लेप्टो के मामलों में वृद्धि देखी गई है. इस बीच जहां दूषित खानपान से गैस्ट्रो का ख़तरा बढ़ा है तो वहीं हेपेटाइटिस के मामले भी बढ़ोत्तरी हुई है.

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Mumbai News: हर साल मानसून के दौरान मुंबई में बरसाती बीमारियों का खतरा अधिक बढ़ जाता है. इस साल भी मानसूनी बीमारियों का आंकड़ा इस कदर बढ़ा है कि लोगों के बीच डर का माहौल है. शहर में  मलेरिया, डेंगू, गैस्ट्रो, स्वाइन फ्लू और लेप्टो के मामलों में वृद्धि देखी गई है. इस बीच जहां दूषित खानपान से गैस्ट्रो का ख़तरा बढ़ा है तो वहीं हेपेटाइटिस के मामले भी बढ़ोत्तरी हुई है. बता दें कि  मुंबई में इन दिनों अस्पतालों में भर्ती मलेरिया और डेंगू मरीजों की संख्या काफी अधिक है. 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मानसून में लोगों को अपने स्वास्थ्य को लेकर अब और भी ज्यादा सचेत रहने की जरूरत होती है. लेकिन जरा सा भी लापरवाही लोगों की जान पर बन आती है और लोग बीमार पड़ने शुरू हों जाते हैं. जुलाई में मानसूनी बीमारियों से मुंबई के लोगों के स्वास्थ्य पर अधिक असर पड़ा है.

मलेरिया के मामले 80 प्रतिशत, डेंगू के मामले 6 गुना और लेप्टो के मामले 5 गुना अधिक बढ़े हैं. वहीं पानी से उत्पन्न होने वाले रोगों में जैसे गैस्ट्रो के मामले 72 प्रतिशत और हेपेटाइटिस के मामले 47 प्रतिशत दर्ज किए गए हैं. 

स्वाइन फ्लू का भी बढ़ा खतरा

इस बीच मच्छर व पानी के कारण उत्पन्न होने वाली बीमारियों के साथ-साथ एक-दूसरे में फैलने वाली बीमारी स्वाइन फ्लू भी अपने पैर तेज़ी से पसार रहा है. बीएमसी से मिले आंकड़ों के अनुसार जून में मच्छर से उत्पन्न होने वाले रोग मलेरिया के 443 मामले और डेंगू के 93 मामला रिपोर्ट किया था.  इस दौरान जुलाई में मलेरिया के 797, डेंगू के 535 और चिकनगुनिया के 25 मामले मिलने से लोगों में बेचैनी देखी जा रही है. 

बीएमसी ने जारी किए आंकड़ें 

बीएमसी (Brihanmumbai Municipal Corporation) के अनुसार, दूषित खानपान से पेट के रोग बढ़ रहे हैं.  जून में गैस्ट्रो के 722 और हेपेटाइटिस के 99 मरीज मिले थे. वहीं जुलाई में गैस्ट्रो के 1239 और हेपेटाइटिस के 146 केस दर्ज हुए हैं. इसी के साथ मुंबई में जुलाई महीने के दौरान 3044 मरीज मिले हैं,  जो गैस्ट्रो, मलेरिया, डेंगू, पीलिया, स्वाइन फ्लू और लेप्टो के मरीजों की संख्या में भारी बढ़ोतरी को दिखाता है और  जून माह में मिले 1 हजार 395 मरीजों की तुलना में अधिक हैं. 

जुलाई में मुंबई में मानसूनी बीमारियों के आंकड़ें -

1- सबसे ज्यादा गैस्ट्रो के 1239 मरीज मिले,  2- सर्दी बुखार के 797 मरीज, 3-डेंगू के 535 मरीज, 4-स्वाइन फ्लू के 161 मरीज, 5-पीलिया के 146 मरीज,  6-लेप्टो के 141 मरीज,  7-चिकनगुनिया के 25 मामले सामने आये हैं.

जून और जुलाई में कितनी बढ़ी मरीजों की संख्या 

बीमारी - जून - जुलाई:  1-मलेरिया – 443 – 797, 2- डेंगू – 93 – 535, 3-लेप्टो – 28 – 141, 4-गैस्ट्रो - 722 - 1239, 4-पीलिया – 99 – 146, 5-चिकनगुनिया – 0 – 25, 6- स्वाइन फ्लू - 10 - 161

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