Dussehra Special: पंजाब के इस शहर में होती है रावण की पूजा, इस परंपरा के साथ पूजा जाता है दशानन

Dussehra Special: देश में हर साल दशहरा के दिन रावण के पुतले का दहन किया जाता है जिसे बुराई पर अच्छाई की जीत बताई जाती है. लेकिन पंजाब के लुधियाना के खन्ना पुलिस जिले के कस्बा पायल में उसकी पूजा की जाती है. यहां रावण की 25 फीट ऊंची विशाल प्रतिमा स्थापित है, जिसे पूजा […]

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Dussehra Special: देश में हर साल दशहरा के दिन रावण के पुतले का दहन किया जाता है जिसे बुराई पर अच्छाई की जीत बताई जाती है. लेकिन पंजाब के लुधियाना के खन्ना पुलिस जिले के कस्बा पायल में उसकी पूजा की जाती है. यहां रावण की 25 फीट ऊंची विशाल प्रतिमा स्थापित है, जिसे पूजा जाता है.

इस परंपरा के साथ होती है पूजा

लगभग 150 साल इस पुरानी इस प्रतिमा का निर्माण दुबे बिरादरी के परिवार द्वारा कराया गया था. वहीं आज भी पंजाब के अलग अलग शहरों से विदेशों में बसे दुबे बिरादरी के लोग यहां हर वर्ष आकार रामलीला और दशहरा का आयोजन करते हैं. देश में आज जगह-जगह रावण के पुतले का दहन किया जाएगा. और यहां पर रावण की पूजा की जाएगी. इस पूजा के दौरान यहां रावण की प्रतिमा को शराब चढ़ाई जाएगी और बकरे की सांकेतिक बलि (असल में बलि ना देना) देकर उसके खून से रावण का तिलक किया जाता है. दूसरी और यहां पर ना ही रावण परिवार के पुतले बनाए जाते हैं और न ही जलाए जाते हैं.

इस वजह से बनी ये परंपरा

बता दे, कि दुबे परिवार के अनुसार उनके पूर्वज हकीम बीरबल दास को दो शादी करने के बाद भी संतान की प्राप्ति नहीं हुई थी. जिसके बाद वह सन्यास पर चले गए थे. वहां एक संत ने उन्हें रामलीला कराने और गृहस्थ जीवन जीने के लिए कहा. जब वह लौटकर आपने घर आए तो दशहरे वाले दिन उन्हें पुत्ररत्न की प्राप्ति हुई. उसके बाद उनके ही बेटे ने बड़े होकर 1833 में श्री राम मंदिर की स्थापना करवाई. रावण के प्रति भी परिवार में आस्था बनी और फिर रावण का 25 फीट ऊंचा बुत इसलिए बनवाया ताकि आने वाली पीढियां पुतला बनवाने के खर्च से बचने के लिए कहीं दशहरा मनाना ही न छोड़ दें.