शक्तिकांत दास ने गवर्नर पद से ली विदाई, अब संजय मल्होत्रा ​​संभालेंगे RBI की कमान

शक्तिकांत दास ने आज RBI के गवर्नर पद से विदाई ले ली. अब उनकी जगह संजय मल्होत्रा ​​के हाथों में RBI की कमान है. आज के इस खास दिन पर शक्तिकांत दास ने सोशल मीडिया पर खास पोस्ट शेयर किया है.

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Courtesy: Social Media

RBI Governor: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के निवर्तमान गवर्नर शक्तिकांत दास का कार्यकाल आज मंगलवार को खत्म हो गया. उन्होंने अपने पद से विदा लेने से पहले रिजर्व बैंक की पूरी टीम को धन्यवाद दिया. उन्होंने अपने अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि कैसे उन्होंने अपनी टीम के साथ मिलकर वैश्विक वित्तीय चुनौतियों के कठिन दौर को सफलतापूर्वक पार किया है.

सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करते हुए उन्होंने लिखा कि RBI की पूरी टीम को बहुत-बहुत धन्यवाद. साथ मिलकर हमने अभूतपूर्व वैश्विक झटकों के असाधारण कठिन दौर को सफलतापूर्वक पार किया. RBI एक भरोसेमंद और विश्वसनीय संस्था के रूप में और भी ऊंचा उठे. इसके लिए आप सभी को मेरी शुभकामनाएं.

इसी के साथ उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को खास धन्यवाद दिया. उनहोंने कहा कि जिनके नेतृत्व में वित्तीय और मौद्रिक समन्वय अपने सर्वश्रेष्ठ स्तर पर था और इसने पिछले छह वर्षों में हमें कई वैश्विक और घरेलू चुनौतियों से निपटने में मदद की. 

कौन हैं संजय मल्होत्रा?

केंद्र सरकार द्वारा राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ​​ को भारतीय रिजर्व बैंक का अगला गवर्नर नियुक्त किया था. मल्होत्रा 1990 बैच के राजस्थान कैडर के IAS अधिकारी के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी. अब उन्हें तीन साल के कार्यकाल के लिए RBI गवर्नर के रूप में नियुक्त किया गया है. अब वो शक्तिकांत दास का स्थान लेंगे, जिन्होंने पिछले छह वर्षों तक केंद्रीय बैंक के प्रमुख के रूप में कार्य किया.

संजय मल्होत्रा ​​ एक अनुभवी नौकरशाह हैं जिन्होंने बिजली, वित्त, कराधान, सूचना प्रौद्योगिकी, और खनन सहित कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाई हैं. उनके करियर के दौरान वह राज्य संचालित ग्रामीण विद्युतीकरण निगम लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के रूप में कार्य कर चुके हैं. उन्होंने वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग के सचिव के रूप में भी सेवा दी है. 

कैसे होती है RBI गवर्नर की नियुक्ति

भारत के केंद्रीय बैंक के गवर्नर की नियुक्ति भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934 के तहत की जाती है. इस प्रक्रिया में केंद्रीय सरकार द्वारा गवर्नर के लिए उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट किया जाता है. इस शॉर्टलिस्टिंग में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) की भूमिका अहम होती है. वित्त मंत्रालय का वित्तीय सेवा विभाग (DFS) उम्मीदवारों की योग्यता और अनुभव के आधार पर सिफारिशें करता है. आरबीआई गवर्नर बनने के लिए सरकार अर्थशास्त्र, बैंकिंग, वित्त या सार्वजनिक प्रशासन के विशेषज्ञता वाले व्यक्तियों पर विचार करती है. हालांकि आरबीआई अधिनियम में विशिष्ट पात्रता मानदंडों का उल्लेख नहीं किया गया है. 

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