नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी संसद सत्र के चलते आगामी ‘इन्वेस्ट कर्नाटक 2025’ शिखर सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं हो पाएंगे. यह सम्मेलन बेंगलुरु में 12 से 14 फरवरी तक आयोजित होगा, जिसमें वैश्विक निवेशकों, उद्योगपतियों और विशेषज्ञों का जमावड़ा होने वाला है.
कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने स्पष्ट किया कि संसद में बजट पर चल रही चर्चा के कारण दोनों कांग्रेस नेता इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में हिस्सा नहीं ले सकेंगे. रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए बताया, "कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी राज्यसभा और लोकसभा में बजट पर हो रही चर्चा के कारण इस शिखर सम्मेलन में शामिल होने में असमर्थ हैं. हमें इस अनुपस्थिति पर खेद है."
Both the Leader of the Opposition in the Rajya Sabha and @INCIndia President Shri Mallikarjun @kharge and the Leader of the Opposition in the Lok Sabha Shri @RahulGandhi are extremely tied up in Parliament today on account of the continuing debate on the Budget. Hence they have…
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) February 11, 2025
रमेश ने यह भी उल्लेख किया कि कांग्रेस के दोनों शीर्ष नेताओं ने शिखर सम्मेलन के आयोजन को लेकर अपनी शुभकामनाएं दी हैं और विश्वास जताया है कि यह सम्मेलन कर्नाटक के अद्वितीय प्रतिस्पर्धी और तुलनात्मक लाभ को सामने लाएगा.
'इन्वेस्ट कर्नाटक 2025' सम्मेलन वैश्विक निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करेगा. यह सम्मेलन "रीइमैजिनिंग ग्रोथ" के विषय पर आधारित है, जो कर्नाटक राज्य के आर्थिक और औद्योगिक विकास को नया आकार देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगा. कर्नाटक सरकार इस सम्मेलन के जरिए राज्य में वैश्विक निवेश आकर्षित करने और राज्य के औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखती है.
कर्नाटक सरकार के मंत्री एमबी पाटिल के अनुसार, इस तीन दिवसीय सम्मेलन में वैश्विक निवेशकों से 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव की उम्मीद है. यह निवेश राज्य में नवाचार, औद्योगिक विकास और वैश्विक साझेदारियों को प्रोत्साहित करेगा. मंत्री पाटिल ने कहा कि इस सम्मेलन में कम से कम 70 प्रतिशत प्रतिबद्धताओं को साकार करने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधार और विकास होगा.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री और अन्य राज्य मंत्री इस सम्मेलन को राज्य के लिए एक ऐतिहासिक कदम मानते हैं. उनका मानना है कि इस आयोजन से न केवल कर्नाटक को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी, बल्कि यह राज्य के लिए रोजगार सृजन और औद्योगिक विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा.
हालांकि, कांग्रेस नेताओं ने इस सम्मेलन में उपस्थित न होने के बावजूद कर्नाटक राज्य को शुभकामनाएं भेजी हैं. उनका कहना है कि कर्नाटक की विविधता और प्रतिस्पर्धात्मक लाभ को ध्यान में रखते हुए यह सम्मेलन राज्य के लिए बहुत ही सकारात्मक और सफलता की ओर अग्रसर होगा.