जम्मू : जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को लद्दाख और जम्मू-कश्मीर के बीच ऐतिहासिक संबंधों को लेकर स्पष्ट किया कि प्रशासनिक पुनर्गठन के बावजूद दोनों क्षेत्रों के बीच गहरे और मजबूत रिश्ते बने रहेंगे. उनका यह बयान दोनों क्षेत्रों के बीच साझा रिश्तों की स्थिरता को बनाए रखने के उद्देश्य से था.
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि साल 2019 में लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग करके एक केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था, लेकिन इससे दोनों क्षेत्रों के बीच ऐतिहासिक और पारंपरिक संबंधों में कोई बदलाव नहीं आएगा. उनका यह बयान दोनों क्षेत्रों के आपसी रिश्तों को और मजबूत बनाने के उद्देश्य से था.
उमर अब्दुल्ला ने आगे कहा कि भले ही लद्दाख को एक केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा मिला हो, लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के बीच सांस्कृतिक, भौगोलिक और ऐतिहासिक संबंध गहरे हैं. उन्होंने यह भी जोर दिया कि दोनों क्षेत्रों का प्रशासनिक रूप से अलग होना किसी भी रूप में इन रिश्तों को प्रभावित नहीं कर सकता.
मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारी साझी संस्कृति, भाषा और ऐतिहासिक रिश्तों के कारण लद्दाख और जम्मू-कश्मीर के बीच संबंध हमेशा मजबूत रहेंगे. यह प्रशासनिक बदलाव सिर्फ शासन व्यवस्था को प्रभावित करता है, लेकिन हमारे बीच जो संबंध हैं, वे बने रहेंगे."
उन्होंने यह भी कहा, “लद्दाख और जम्मू-कश्मीर के लोगों के बीच हमेशा एक रिश्ते की भावना रहेगी. हम इसे और सशक्त बनाने की दिशा में काम करेंगे.”
उमर अब्दुल्ला का यह बयान यह सुनिश्चित करता है कि लद्दाख और जम्मू-कश्मीर के बीच ऐतिहासिक रिश्ते कभी भी कमजोर नहीं होंगे, चाहे प्रशासनिक बदलाव कुछ भी क्यों न हो. यह दोनों क्षेत्रों के लोगों को यह संदेश देता है कि उनके बीच का संबंध हमेशा जीवित और मजबूत रहेगा, और भविष्य में एक-दूसरे की मदद से यह और भी गहरा होगा.