banner

तिरुपति मंदिर धार्मिक आयोजन में मची भगदड़; 6 की मौत, कई घायल

तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के एक अधिकारी ने बताया कि भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में 10 जनवरी से शुरू हो रहे 10-दिवसीय वैकुंठ द्वार दर्शनम के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु तिरुमाला पहाड़ियों पर पहुंचे थे. टिकट लेने की होड़ में भगदड़ मचने से कम से कम छह लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए.

Date Updated
फॉलो करें:
Courtesy: Social Media

Tirupati stampede: आंध्र प्रदेश के तिरुपति में बुधवार शाम को एक धार्मिक आयोजन के दौरान भगदड़ मचने से कम से कम छह लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए. यह घटना उस समय हुई जब सैकड़ों श्रद्धालु वार्षिक वैकुंठ द्वार दर्शनम के लिए टिकट लेने के लिए उमड़ पड़े. अधिकारियों ने बताया कि भीड़ को नियंत्रित करने में असफलता के कारण यह दुखद घटना घटी.  

तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के एक अधिकारी ने बताया कि भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में 10 जनवरी से शुरू हो रहे 10-दिवसीय वैकुंठ द्वार दर्शनम के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु तिरुमाला पहाड़ियों पर पहुंचे थे. इस आयोजन के पहले तीन दिनों के लिए टीटीडी ने 1,20,000 मुफ्त दर्शन टोकन वितरित करने की व्यवस्था की थी.  

कैसे हुआ हादसा?

टीटीडी के चेयरमैन बीआर नायडू ने बताया कि भगदड़ उस समय हुई जब डीएसपी ने टिकट वितरण के लिए गेट खोला. जैसे ही गेट खोला गया, श्रद्धालुओं ने आगे बढ़ना शुरू कर दिया. जिससे भगदड़ मच गई. इस हादसे में छह लोगों की मौत हो गई. इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने गहरा शोक व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि तिरुपति में हुए हादसे से मैं बहुत व्यथित हूं. मैंने उच्च अधिकारियों को घायलों के बेहतर इलाज और राहत कार्यों को तुरंत शुरू करने का निर्देश दिया है. मुख्यमंत्री ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए मंदिर प्रशासन को भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए.  

भीड़ का दबाव नहीं हुआ नियंत्रित

टीटीडी के एक अधिकारी ने बताया कि इस भगदड़ में कई श्रद्धालु घायल हुए. उन्हें तिरुपति के एसवीआरआर रुइया अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका इलाज जारी है. मृतकों में तमिलनाडु की सलेम निवासी मल्लिका शामिल हैं. टीटीडी के कार्यकारी अधिकारी जे श्यामल राव ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और बचाव कार्यों की निगरानी की. साथ ही, मंदिर के विभिन्न स्थानों पर 94 काउंटर स्थापित किए गए थे, लेकिन भीड़ का दबाव इन व्यवस्थाओं पर भारी पड़ गया.  

Tags :