Rice: भारत देश में चावल का उत्पादन इस वर्ष घटने वाला है. इस फसल के प्रोडक्शन में 5 फीसदी तक की कमी आ सकती है. इसके पीछे की वजह चावल उत्पादक राज्यों जैसे कि पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़ एंव बिहार में इस वर्ष बारिश की वजह से चावल की उपज पर असर देखने को मिल रहा है. यानी नेशनल राइस रिसर्च इंस्टीट्यूट (ICAR) ने इन सारे राज्यों के चावल उपजाने वाले किसानों को सलाह दी है कि छोटे समय की चावल की फसल को लगाएं ताकि बिगड़ते मानसून के असर से बचा जा सके.
इस वर्ष कम बारिश के कारण धान की फसल की बुआई पर उत्पादन की विकास दर में गिरावट देखने को मिल रहा है. जिससे चावल की फसल के लिए चिंता का विषय है. वहीं प्रतिकूल मौसम स्थिति को देखते हुए आने वाले साल 2024 में वैश्विक चावल उत्पादन में 7 मिलियन टन की कमी की वजह से कीमतें बढ़ने की आशंका जताई जा रही है.
कृषि मंत्रालय के अनुसार साल 2023 में खरीफ चावल का उत्पादन 110.032 मिलियन टन ही हो पाया है. वहीं आईसीएआर के मुताबिक चावल की फसल के लिए आने वाले दिन अहम हो सकते हैं. बारिश की वजह से पानी की कमी को पूरा किया जा सकता है. अगर अच्छी बारिश होती है तो धान की रोपाई में किसी प्रकार की परेशानी नहीं आएगी. कई राज्यों में कम बारिश की वजह से चावल उत्पादक करने में परेशानी हो रही है.
आपको बता दें कि केंद्र सरकार की तरफ से गैर-बासमती चावल के निर्यात पर रोक लगा दी गई है. जिसने भारत के वित्त वर्ष 2023 के कुल एक्सपोर्ट में 30 फीसदी का रोल निभाया था. वहीं जानकारों के मुताबिक आने वाले दिनों में चावल के दामों में बदलाव देखने को मिल सकता है.
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