आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार का बीजेपी पर तंज, कही ये बात

RSS Attacks BJP: RSS की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार अभी हुए लोकसभा चुनाव को लेकर कहा कि राम सबके साथ न्याय करते हैं. जबकि बीजेपी को लेकर इंद्रेश कुमार ने तंज कसते हुए कहा कि जो पूर्ण हक मिलना चाहिए,

Date Updated
फॉलो करें:

RSS Attacks BJP: आरएसएस और बीजेपी के बीच के मतभेद अब खुलकर लोगों के सामने आ रहे है. सरसंघ चालक मोहन भागवत के बाद अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आरएसएस के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार ने बीजेपी को लेकर बड़ा बयान दिया है. इंद्रेश कुमार ने कहा 'जो अहंकारी हो गए हैं, उन्हें 241 पर रोक दिया, जिनकी राम के प्रति आस्था नहीं थी, अश्रद्धा थी. उन सबको मिलकर 234 पर रोक दिया. यही प्रभु का न्याय है.

पूर्ण हक मिलना चाहिए

आरएसएस के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार गुरुवार को जयपुर के पास कानोता में रामरथ अयोध्या यात्रा दर्शन पूजन समारोह में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि प्रभु राम सबके साथ न्याय करते है. लोकसभा चुनाव 2024 को ही देख लीजिए. जिन्होंने राम की भक्ति की, लेकिन उनमें धीरे-धीरे अहंकार आ गया. उस पार्टी को सबसे बड़ी पार्टी घोषित कर दिया. उनको जो पूर्ण हक मिलना चाहिए, जो शक्ति मिलनी चाहिए, वो भगवान ने अहंकार के कारण रोक दी. इंद्रेश कुमार ने कहा कि जिन्होंने राम का विरोध किया, उन्हें बिल्कुल भी शक्ति नहीं दी. उनमें से किसी भी पार्टी को शक्ति नहीं दी. सब मिलकर भी नंबर-1 तक नहीं पहुंच सके, नंबर-2 पर ही रह गए. इसलिए प्रभु का न्याय विचित्र नहीं है, सत्य है, बड़ा है.

पांच साल आराम करो

जिस पार्टी ने भक्ति की, अहंकार आया, उस पार्टी को 241 पर ही रोक दिया, पर सबसे बड़ा बना दिया. जिनको राम के प्रति आस्था नहीं थी, अश्रद्धा थी उन सबको मिलकर 234 पर रोक दिया. उन्होंने कहा कि तुम्हारी अनास्था की यही दंड है, तुम कभी भी सफल नहीं हो सकते. यूपी के अयोध्या से बीजेपी प्रत्याशी लल्लू सिंह की हार पर भी इंद्रेश कुमार ने कहा कि जो राम की भक्ति करे, फिर भी अहंकार करे, जो राम का विरोध करे, उसका अकल्याण अपने आप हो गया. लल्लू सिंह ने वहा की जनता पर जुल्म किए थे, तो रामजी ने कहा कि पांच साल आराम करो, अगली बार देख लेंगे.

अहंकार नहीं करता

जबकि इसके पहले सरसंघ चालक मोहन भागवत ने भी दस जून को नागपुर में संघ के कार्यकर्ता विकास वर्ग के समापन पर बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व को निशाने पर लिया था. मोहन भागवत ने कहा था कि जो मर्यादा का पालन करते हुए कार्य करता है, गर्व करता है, किन्तु लिप्त नहीं होता, अहंकार नहीं करता, वही सही अर्थों में सेवक कहलाने का अधिकारी होता है. मोहन भागवत ने कहा कि जब चुनाव होता है तो मुकाबला होना जरूरी होता है. इस दौरान दूसरों को पीछे धकेलना भी होता है, लेकिन इसकी भी एक सीमा होती है. यह मुकाबला असत्य पर आधारित नहीं होना चाहिए.

Tags :