Ayodhya: अगले साल 22 जनवरी को अयोध्या में होने राम मंदिर उद्घाटन और रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर तैयारियां युद्ध स्तर पर की जा रही है. अयोध्या में यातायात से लेकर लोगों के रहने तक का सारा इंतजाम किया जा रहा है. देश-विदेश में लोगों को कार्यक्रम में शामिल होने के लिए निमंत्रण भेजा जा चुका है. खुद प्रधानमंत्री मोदी इस दौरान अयोध्या में मौजूद रहेंगे. पूरे देश में रामलला के आगमन को लेकर खुशियां मनाई जा रही है तो इसी बीच कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने राम मंदिर को लेकर ऐसी बात कह दी है कि इससे कई लोगों की भावनाएं आहत हो सकती है.
कांग्रेस नेता ने राम मंदिर के भव्य आयोजन से पहले ही इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि "देश में अभी राम मंदिर असली मुद्दा है या बेरोजगारी और महंगाई?" उन्होंने कहा कि कभी-कभार मंदिर जाना ठीक है, लेकिन आप उसे मुख्य मंच नहीं बना सकते हैं. इसके साथ ही उन्होंने राजनीति की अंक गणित समझाते हुए ये भी बताया कि देश में 40 फीसदी लोग बीजेपी को वोट देते हैं, और 60 फीसदी लोग बीजेपी को वोट नहीं देते.
उन्होंने कहा कि मोदी सबके प्रधानमंत्री हैं ना कि किसी पार्टी के और यही संदेश भारत के लोग उनसे चाहते हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा कि वो तय करें कि उनके लिए असली मुद्दे क्या हैं? राम मंदिर असली मुद्दा है? या बेरोजगारी असली मुद्दा है. हालांकि उन्होंने ये भी साफ किया कि उन्हें किसी भी धर्म से कोई समस्या नहीं है. लेकिन राम मंदिर के उद्घाटन से ठीक पहले ही सैम पित्रोदा को देश की बढ़ती महंगाई और गरीबी की चिंता सताना कुछ और ही इशारा करता है.
सैम पित्रोदा ने न सिर्फ राम मंदिर और लोगों की आस्था पर सवाल उठाए बल्कि उन्होंने देश की लोकतंत्र को भी कमजोर बता दिया. इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के राम मंदिर उद्घाटन में रुचि रखने पर भी सवाल खड़े किये. उन्होंने कहा कि "एक देश का पीएम 10 साल तक प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं करता, ये बात मुझे परेशान करती है. प्रधानमंत्री मंदिर में अधिक समय दे रहे हैं, यह मुझे परेशान करता है." इसके साथ ही उन्होंने लोगों से अपील की कि अपने धर्म का पालन करें लेकिन धर्म को राजनीति से अलग रखें.
अभी हाल ही में राहुल गांधी के करीबी सैम पित्रोदा ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को लेकर गंभीर सवाल उठाए थे. हालांकि ईवीएम पर सवाल उठना कोई नई बात नहीं है. जब-जब चुनाव आता है, ये चर्चा तेज हो जाती है. लेकिन इस बार पित्रोदा ने अंतराष्ट्रीय समूहों के सामने इसे साबित करने की भी बात कही है.