नई दिल्ली : भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने ब्राइटकॉम ग्रुप लिमिटेड (बीजीएल) और इसके प्रवर्तकों पर कंपनी के वित्तीय विवरणों में गड़बड़ी करने के लिए कुल 34 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. यह जुर्माना कंपनी के वित्तीय लेखांकन मानकों का पालन न करने के कारण लगाया गया है, जिससे वित्तीय वर्ष 2014-15 से लेकर 2019-20 तक इसके वित्तीय विवरणों में गंभीर गलतबयानी हुई.
सेबी ने ब्राइटकॉम ग्रुप लिमिटेड के प्रवर्तकों, एम सुरेश कुमार रेड्डी और विजय कंचरला पर 15-15 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. इसके अलावा, दोनों को पांच साल के लिए भारतीय प्रतिभूति बाजारों से प्रतिबंधित कर दिया गया है. इसके तहत उन्हें किसी भी सूचीबद्ध कंपनी या पंजीकृत मध्यस्थ में निदेशक या प्रमुख प्रबंधकीय पद पर नियुक्त होने से भी रोक दिया गया है.
इसके अतिरिक्त, सेबी ने वाई श्रीनिवास राव पर 2 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया, जबकि बीजीएल के अन्य प्रवर्तक वाई रमेश रेड्डी पर 1-1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया. इन सभी को एक साल के लिए प्रतिभूति बाजारों से प्रतिबंधित भी किया गया है.
ब्राइटकॉम ग्रुप अपने आप को एक प्रमुख वैश्विक डिजिटल विपणन सेवा प्रदाता बताता है, जो प्रत्यक्ष विपणकों, ब्रांड विज्ञापनदाताओं और विपणन एजेंसियों को ऑनलाइन विपणन सेवाएं प्रदान करता है.
सेबी के पूर्णकालिक सदस्य, अनंत नारायण जी ने अपने आदेश में कहा कि बीजीएल के लेखांकन मानकों का पालन न करने के कारण, कंपनी के वित्तीय विवरणों में घोर गलतबयानी हुई और परिसंपत्तियों की भौतिक हानि की पहचान में अत्यधिक देरी हुई. इससे निवेशकों और बाजार के लिए गंभीर जोखिम उत्पन्न हुआ.
यह मामला सेबी द्वारा भारत के वित्तीय बाजारों में पारदर्शिता बनाए रखने के प्रयासों का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है. सेबी ने यह सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि कंपनी और उसके प्रवर्तक वित्तीय नियमों का पालन करें और निवेशकों के हितों की रक्षा करें.
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