Hariyana News: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव और पूर्व केंद्रीय मंत्री व सिरसा से सांसद शैलजा कुमारी ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी विकास को लेकर अपनी ही पीठ थपथपाने में लगी हुई है. जबकि प्रदेश की मूलभूत सुविधाओं कागजों में ही कैद होकर रह गई हैं. प्रदेश की स्वास्थ्य, बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं सिर्फ कागजों में हैं, जमीनी स्तर पर ये बिल्कुल दिखाई नहीं दे रही हैं. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कहीं अस्पताल के फर्श पर तो कहीं अस्पताल के बाहर डिलीवरी हो रही है. किसी अस्पताल में डॉक्टर नहीं है तो किसी में डॉक्टर हैं तो दवाएं नहीं हैं. कहीं-कहीं तो पैरामेडिकल स्टॉफ भी नहीं है.
सरकारी अस्पताल सिर्फ रिफर सेंटर बनकर रह गए हैं. आयुष्मान कार्ड पर भी मरीजों को गुमराह किया जा रहा है. मीडिया को जारी बयान में शैलजा ने कहा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के अनुसार ग्रामीण इलाकों में हर नागरिक को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए 5 हजार की आबादी पर एक उप स्वास्थ्य केंद्र, 30 हजार की आबादी पर 1 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 80 हजार से 1.20 लाख की आबादी पर 1 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र होना चाहिए. प्रदेश में 2667 उपस्वास्थ्य केंद्र, 532 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 128 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं. वहीं, वर्तमान आबादी के हिसाब से 634 उपस्वास्थ्य केंद्र, 81 स्वास्थ्य केंद्र और 53 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की कमी बनी हुई है.
शैलजा कुमारी ने कहा कि वर्तमान में स्वास्थ्य सेवाओं का ढांचा जितना होना चाहिए, उतना नहीं हैं. इसके साथ ही स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स, स्टॉफ नर्सेस, रेडियोग्राफर्स, फार्मासिस्ट्स, लैब टेक्नीशियन और मल्टीपर्पज कैडर की कमी है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि छह विशेषज्ञ डॉक्टर्स, जिसमें एक सर्जन, एक स्त्री रोग, एक फिजिशियन, एक शिशु रोग, एक हड्डी रोग और एक एनस्थीसिया स्पेशलिस्ट की आवश्यकता है.
शैलजा कुमारी ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में कई स्वास्थ्य योजनाएं चालई जा रही हैं. ऐसा हकीकत में नहीं सिर्फ कागजों में है. प्रदेश की भाजपा सरकार के कारण यहां के अस्पताल सिर्फ रिफर सेंटर बनकर रह गए हैं. इनमें जो भी मरीज आता है, उसे आगे रिफर कर दिया जाता है.