कांग्रेस की आंध्र प्रदेश इकाई की अध्यक्ष वाई एस शर्मिला ने सोमवार को आरोप लगाया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह यह कहकर मगरमच्छ के आंसू बहा रहे हैं कि 2019-2024 के दौरान राज्य तबाह हो गया. उन्होंने आरोप लगाया कि शाह की यह नई चिंता मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी को पांच साल तक रबर की मुहर और कठपुतली के रूप में इस्तेमाल करने के बाद सामने आई है.
वाई एस शर्मिला ने सोमवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि अमित शाह ने आंध्र प्रदेश में हुए नुकसान पर जिस प्रकार की टिप्पणी की है, वह सिर्फ दिखावा है. उन्होंने कहा, "अमित शाह और उनकी पार्टी की नीतियों के कारण राज्य में बहुत कुछ गलत हुआ है. अब वह अपनी जिम्मेदारी से भागते हुए केवल बयानबाजी कर रहे हैं." शर्मिला ने यह भी कहा कि शाह की यह नई चिंता उस समय प्रकट हो रही है, जब मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने उनका साथ निभाया और केंद्र की नीतियों के खिलाफ कोई आवाज नहीं उठाई.
शर्मिला ने यह भी आरोप लगाया कि शाह ने मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी को अपनी सत्ता का मोहरा बना लिया था. उनका कहना था कि रेड्डी को पांच साल तक केंद्र की नीतियों का अनुसरण करने और अपनी स्वतंत्रता खोने के लिए मजबूर किया गया. उन्होंने कहा, "वह एक कठपुतली की तरह काम कर रहे थे और शाह ने उन्हें सिर्फ अपनी सहमति की मुहर लगाने के लिए इस्तेमाल किया."
वाई एस शर्मिला ने अमित शाह की बयानबाजी पर सवाल उठाते हुए साफ कहा कि उनका यह आंसू बहाना केवल एक दिखावा है और राज्य के असली मुद्दों को छिपाने का प्रयास है. इसके अलावा, उन्होंने मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वह केंद्र के सामने अपनी स्वतंत्रता को खो चुके हैं.
(इस खबर को भारतवर्ष न्यूज की टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की हुई है)