राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर टिप्पणी करना सोनिया गांधी पर पड़ा भारी, कांग्रेस नेता के खिलाफ विशेषाधिकार हनन नोटिस जारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली पार्टी की ओर से यह आरोप लगाया गया है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के लिए अपमानजनक और निंदनीय शब्दों का इस्तेमाल किया गया. सांसदों ने आरोप लगाया कि ये टिप्पणियां 'सर्वोच्च पद की गरिमा को कम करने' के लिए थीं. 

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Courtesy: Social Media

Sonia Gandhi: बीजेपी के सांसदों की ओर से सोमवारी को कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी के खिलाफ संसदीय विशेषाधिकार हनन का नोटिस पेश किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली पार्टी की ओर से यह आरोप लगाया गया है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के लिए अपमानजनक और निंदनीय शब्दों का इस्तेमाल किया गया. सांसदों ने आरोप लगाया कि ये टिप्पणियां 'सर्वोच्च पद की गरिमा को कम करने' के लिए थीं. 

पार्टी की ओर से जारी किए गए नोटिस में कहा गया कि 'हम हाल ही में भारत के राष्ट्रपति के खिलाफ संसद सदस्य (राज्यसभा) सोनिया गांधी द्वारा की गई कुछ असंसदीय, अपमानजनक और अपमानजनक टिप्पणियों के बारे में बहुत निराशा के साथ लिख रहे हैं, जो गंभीर विचार और अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग करती हैं.' 'हम गहरी चिंता के साथ इस बयान को उजागर करते हैं. जो हमारे देश के सर्वोच्च संवैधानिक प्राधिकारी भारत के राष्ट्रपति के कद और गरिमा को कम करने वाला प्रतीत होता है.' 

राज्यसभा के सभापति को लिखा पत्र

भाजपा सांसदों ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को लिखे अपने पत्र में कहा कि ऐसी टिप्पणियां न केवल पद की गरिमा को कम करती हैं बल्कि संसदीय परंपराओं की पवित्रता का भी उल्लंघन करती हैं. उन्होंने तर्क दिया कि सोनिया गांधी की टिप्पणी किसी भी तरह से संसदीय विशेषाधिकारों का लाभ नहीं देती. उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय के एक निर्णय का हवाला दिया जिसमें कहा गया था कि किसी सांसद द्वारा विशेषाधिकार का दुरुपयोग 'पचाना मुश्किल' है.

इसके अलावा, संसदीय आचार संहिता और आचार संहिता भी यह निर्धारित करती है कि कोई भी सदस्य दूसरों के खिलाफ अपमानजनक शब्द नहीं बोलेगा. यह तब महत्वपूर्ण हो जाता है जब यह भारत के राष्ट्रपति से संबंधित हो और वह भी तब जब संसदीय परिसर के भीतर इस बारे में बात की जाए. उन्होंने आगे तर्क दिया कि यह टिप्पणी 'सोनिया गांधी की अभिजात्य और आदिवासी विरोधी मानसिकता का स्पष्ट प्रकटीकरण है, जो अभी तक एक आदिवासी गरीब के संघर्ष और संवेदनशीलता को नहीं समझ पाई हैं.'

पीएम मोदी ने साधा निशाना

कांग्रेस नेता सोनिया गांधी की शुक्रवार (31 जनवरी) को संसद में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के एक घंटे लंबे संबोधन के बाद उनके बारे में 'बेचारी और बहुत थकी हुई' टिप्पणी ने एक बड़े विवाद को जन्म दे दिया. राष्ट्रपति भवन ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण और अस्वीकार्य थी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कांग्रेस पर निशाना साधते हुए शाही परिवार पर आदिवासी पृष्ठभूमि से आने वाली राष्ट्रपति का अपमान करने का आरोप लगाया. साथ ही दावा किया कि पार्टी ने हमेशा हाशिए पर पड़े समुदायों से आने वाले लोगों की प्रगति को कमतर आंका है. राष्ट्रपति भवन ने एक बयान जारी कर कहा कि टिप्पणी ने स्पष्ट रूप से उच्च पद की गरिमा को ठेस पहुंचाई है. 

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