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चूड़ी-दाल भोज में पहुंचे सीएम नीतीश, मेजबान चिराग के इंतजार में खाली पेट लौटे

मकर संक्रांति के बाद शुभ कार्यों की शुरुआत होती है, और बिहार में राजनीतिक हलचल आम तौर पर शुरू हो जाती है. केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने पार्टी ऑफिस में दही-चूड़ा का भोग रखा था, परंतु वह खुद ही वहां लेट पहुंचे और मेहमान वहां से बिना खाए लौट गए.

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Courtesy: social media

मकर संक्रांति के बाद शुभ कार्यों की शुरुआत होती है, और बिहार में राजनीतिक हलचल आम तौर पर शुरू हो जाती है. केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने पार्टी ऑफिस में दही-चूड़ा का भोग रखा था, परंतु वह खुद ही वहां लेट पहुंचे और मेहमान वहां से बिना खाए लौट गए. 

बिहार में फिर एक बार त्यौहारों को लेकर राजनीति गरमाती दिखाई दे रही है. मकर संक्रांति के अवसर पर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के द्वारा आयोजित भोज में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहुंचे. हालांकि, नीतीश के पहुंचने पर मेजबान चिराग वहां अनुपस्थित थे, महज पांच मिनट इंतजार करने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश वहां से खाली पेट ही लौट गए.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चिराग पासवान के दही-चूड़ा भोज में मेजबान के पहुंचने से पहले ही पहुंच गए. पार्टी कार्यालय में उनका स्वागत करने के लिए सिर्फ लोजपा (आर) के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी ही मौजूद थे. अपने संक्षिप्त दौरे के दौरान नीतीश ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. वहां महज पांच मिनट बिताने के बाद वे भोज में शामिल हुए बिना ही चले गए.

चिराग पासवान खुद 12 बजे पहुंचे

चिराग पासवान खुद दोपहर 12 बजे पार्टी कार्यालय पहुंचे थे, जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जा चुके थे. नीतीश करीब 10:20 बजे एलजेपी कार्यालय पहुंचे और करीब पांच मिनट तक वहां इंतजार किया, लेकिन चिराग कहीं नजर नहीं आए. जब ​​मुख्यमंत्री चले गए, तब तक चिराग भी नहीं दिखे और आखिरकार दोपहर दो बजे कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे.

इस घटना ने बिहार में राजनीतिक चर्चाओं का नया दौर शुरू कर दिया है और विपक्षी दल इस स्थिति पर चुटकी लेने का मौका नहीं चूक रहे हैं. चिराग पासवान ने मकर संक्रांति पर अपने पार्टी कार्यालय में पारंपरिक दही-चूड़ा भोज की योजना बनाई थी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और सहयोगी दलों के नेताओं को आमंत्रित किया था. लेकिन जब मुख्य अतिथि पहुंचे, तो मेजबान कहीं नजर नहीं आए, जिससे अटकलों और आलोचनाओं का माहौल बन गया.

राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है

बिहार को लेकर चल रही राजनीतिक चर्चाओं के बीच राजद सांसद मीसा भारती ने कहा, "राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है." मकर संक्रांति की शुभकामनाओं के साथ उन्होंने कहा, "बिहार में राजनीतिक बदलाव पर चर्चा पिछले कुछ समय से चल रही है, क्योंकि मकर संक्रांति के बाद पहले भी इस तरह के बदलाव हुए हैं. उन्होंने आगे कहा कि राजनीति में किसी भी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है, लेकिन अभी कुछ भी भविष्यवाणी करना जल्दबाजी होगी. नए साल की पूर्व संध्या पर संबोधित करते हुए उन्होंने उम्मीद जताई कि वर्ष 2025 में बिहार में प्रगति होगी, साथ ही बेरोजगारी को ध्यान में रखते हुए पूरे राज्य में नए उद्योग लगाए जाएंगे.

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