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प्रशांत किशोर ने BPSC विरोध में राहुल गांधी और तेजस्वी से क्यों मांगा समर्थन

BPSC समर्थन के लिए अनशन पर बैठे प्रशांत किशोर ने आरजेडी और कांग्रेस से समर्थन की अपील की है. उन्होनें कहा- "अगर राहुल गांधी और तेजस्वी यादव हमारा समर्थन करेंगे तो हम भी उनका स्वागत करेंगे.

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Courtesy: social media

BPSC समर्थन के लिए अनशन पर बैठे प्रशांत किशोर ने आरजेडी और कांग्रेस से समर्थन की अपील की है. उन्होनें कहा- "अगर राहुल गांधी और तेजस्वी यादव हमारा समर्थन करेंगे तो हम भी उनका स्वागत करेंगे.

जन सुधार पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कांग्रेस के नेता राहुल गांधी और बिहार के उप मुख्यमंत्री जस्वी यादव से बीपीएससी परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर भूख हड़ताल में  समर्थन की अपील की है. अनशन के चौथे दिन पर उन्होंने यह स्पष्ट किया, "यह आंदोलन गैर-राजनीतिक है और उनकी पार्टी के बैनर तले नहीं चलाया जा रहा है. उन्होंने बोला युवाओं ने  
'युवा सत्याग्रह समिति' नाम की 51 सदस्यीय मंच का गठन किया.

उन्होंने यह भी कहा की राहुल गांधी और तेजस्वी यादव जैसे नेताओं को उनका समर्थन करना चाहिए. चाहे वो राहुल गांधी हो, जिनके पास 100 सांसद है या चाहे वो तेजस्वी यादव हो, जिनके पास 70 से भी ज्यादा विधायक है.

युवाओं का भविष्य लगा दांव पर

प्रशांत किशोर ने कहा कि नेता हमसे ज्यादा प्रभानशाली है. वे गांधी मैदान में पांच लाख लोगों को जुटा सकते हैं. उन्होंने सहयोग की अपील की और कहा कि ऐसा करना इसी समय सबसे उचित है. छात्रों की समस्याओं पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि युवाओं का भविष्य दांव पर लगा हुआ है. हम एक निर्दयी शासन का सामना कर रहे हैं, जिसने महज तीन साल में 87 बार लाठीचार्ज का आदेश दिया है. उन्होंने बताया कि नवगठित वाईएसएस के 51 में से 42 सदस्यों ने कल रात इस संघर्ष को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया. वाईएसएस के सदस्य अलग-अलग राजनीतिक संगठनों से जुड़े हैं. हालांकि, अब वे सभी युवाओं और छात्रों के हितों की रक्षा के लिए एकजुट होकर लड़ने के लिए साथ आए हैं.

लोकतंत्र की हत्या हुई

उन्होंने कहा कि वाईएसएस पूरी तरह से गैर राजनीतिक मंच है. मैं यहां सिर्फ उनका समर्थन करने आया हूं. यह आमरण अनशन जारी रहेगा. 29 दिसंबर को पटना में राज्य पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारी बीपीएससी अभ्यर्थियों पर वाटर कैनन और लाठीचार्ज का इस्तेमाल लोकतंत्र की हत्या थी. उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि किसी भाजपा नेता में उस सरकार के खिलाफ बोलने की हिम्मत होगी, जिसका वह हिस्सा है. अगर उनमें से कोई अंतरात्मा की आवाज पर आगे आता है, तो उसका स्वागत किया जाएगा.

राज्य के युवा अक्सर कहते हैं कि चुनावों में वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वोट देते हैं, किसी और को नहीं. लेकिन, जब से मोदी सत्ता में आए हैं, बिहार के युवाओं को बदले में कुछ नहीं मिला है. किशोर ने विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में हुए आंदोलन का उदाहरण देते हुए कहा कि मोदी सरकार को कई महीनों बाद झुकना पड़ा था. एक दिन नीतीश कुमार और सरकार को भी यहां के युवाओं के सामने झुकना पड़ेगा.

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