जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव को लेकर मनोज सिंहा ने कहा कि चुनाव तय करने का अधिकार चुनाव आयोग के पास है. मनोज सिंहा जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल हैं. 2019 में केंद्र सरकार के द्वारा संविधान के अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया गया था. अनुच्छेद खत्म होने के बाद जम्मू-कश्मीर में यह पहला विधानसभा चुनाव होगा जिस पर मनोज सिंहा ने कहा है कि इसके साथ जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र की बहाली हो जाएगी.
जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को 30 सितंबर तक सीमा दी हुई है. तय सीमा में चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग के द्वारा मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम का गठन कर लिया गया है. जम्मू-कश्मीर में 2018 में PDP और BJP की सरकार के जाने के बाद कोई चुनाव नहीं हुआ है.
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिंहा जम्मू विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे. उस कार्यक्रम में मनोज सिंहा ने पीएम मोदी के बात पर जिक्र किया और कहा कि प्रदेश में जल्द ही विधानसभा के चुनाव होंगे. वहीं 5 अगस्त 2019 को संसद में गृहमंत्री के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि नए परिसीमन के बाद ही चुनाव होंगे और समय आने पर जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा दिया जाएगा. चुनाव आयोग के दो दिवसीय दौरे का भी जिक्र किया.
चुनाव आयोग हाल ही में जम्मू-कश्मीर के दो दिवसीय यात्रा पर गई थी. इसके बाद मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि आयोग ने राज्य की समीक्षा कर ली है. अमरनाथ यात्रा के खत्म होते ही चुनाव कराने का इंतजाम किया जाएगा. उसके बाद चुनाव की तारीखों को लेकर घोषणा की जाएगी. चुनाव आयोग की कोशिश है कि सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दी गई 30 सितंबर की तय सीमा के अंदर ही चुनाव करा लिया जाए.