उच्चतम न्यायालय : मशीन चोरी मामले में आजम खान और उनके बेटे को मिली जमानत

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान को मशीन चोरी के एक मामले में जमानत दे दी है. यह जमानत इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा उनकी जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद उन्होंने उच्चतम न्यायालय से की थी. 

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Courtesy: social media

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान को मशीन चोरी के एक मामले में जमानत दे दी है. यह जमानत इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा उनकी जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद उन्होंने उच्चतम न्यायालय से की थी. 

न्यायमूर्ति एम. एम. सुंदरेश और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की पीठ ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें उनकी जमानत याचिका को अस्वीकार कर दिया गया था. पीठ ने कहा, “मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए, जिसमें अपीलकर्ताओं द्वारा जेल में बिताई गई अवधि भी शामिल है, हम इस आदेश को खारिज करते हैं और अपीलकर्ताओं को जमानत देने के लिए तैयार हैं, क्योंकि इस मामले में आरोप पत्र पहले ही दाखिल किया जा चुका है.” 

शीर्ष अदालत ने 10 फरवरी को अपने आदेश में कहा, “इसलिए, इलाहाबाद उच्च न्यायालय का आदेश रद्द किया जाता है और अपीलकर्ताओं को उन शर्तों के अधीन जमानत दी जाती है जो अधीनस्थ अदालत की संतुष्टि के अनुसार हों.” 

इसके साथ ही, उच्चतम न्यायालय ने अधीनस्थ अदालत को यह निर्देश दिया कि वह जमानत पर रखे गए व्यक्तियों से यह सुनिश्चित कराए कि वे मुकदमे की कार्यवाही पूरी होने तक पूरी तरह से सहयोग करेंगे और गवाहों को प्रभावित करने की कोई कोशिश नहीं करेंगे. 

पीठ ने कहा, “यदि अपीलकर्ताओं द्वारा लगाए गए किसी भी शर्त का उल्लंघन होता है तो प्रतिवादी को जमानत रद्द करने का अधिकार होगा.”  आजम खान और उनके बेटे ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 21 सितंबर के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील की थी. 

इस मामले में, आजम खान, उनके बेटे और पांच अन्य व्यक्तियों के खिलाफ 2022 में आपराधिक मामला दर्ज किया गया था, जिसमें आरोप था कि उन्होंने सड़क साफ करने वाली एक सरकारी मशीन चुरा ली थी, जिसे नगर पालिका परिषद, रामपुर ने खरीदी थी. यह मशीन बाद में रामपुर स्थित खान के जौहर विश्वविद्यालय से बरामद की गई थी. 

2022 में उत्तर प्रदेश में सरकार बदलने के बाद वकार अली खान नामक व्यक्ति ने इस मामले में सात लोगों के खिलाफ रामपुर के कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप था कि खान और अन्य आरोपियों ने 2014 में सड़क साफ करने वाली सरकारी मशीन चुराई थी. 
  
यह जमानत आदेश आजम खान और उनके बेटे के लिए राहत का कारण बना है, लेकिन साथ ही अदालत ने यह सुनिश्चित करने के लिए कड़े निर्देश भी दिए हैं कि वे मामले में किसी भी प्रकार की हस्तक्षेप या गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश न करें. 

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