दिल्ली-एनसीआर की जहरीली हवा को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त, CAQM को लगाई फटकार

Supreme Court: पराली जलाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रवैया अपनाते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को फटकार लगाई है. अपनी सुनवाई में कोर्ट ने पराली जलाने पर लगाम लगाने के लिए आयोग द्वारा किए गए प्रयासों को अपर्याप्त बताया है.

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Courtesy: social media

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) को पराली जलाने की रोकथाम में लापरवाही के लिए कड़ी फटकार लगाई. पराली जलाने को दिल्ली में सर्दियों के दौरान वायु प्रदूषण का मुख्य कारण माना जाता है. कोर्ट ने इस मुद्दे पर आयोग के प्रयासों को अपर्याप्त बताया है. 

जस्टिस अभय एस. ओका और ऑगस्टीन जॉर्ज मासिह की पीठ ने CAQM अधिनियम के तहत आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया. कोर्ट ने पूछा कि क्या पराली जलाने को रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठाए गए हैं, विशेष रूप से पंजाब और हरियाणा जैसे पड़ोसी राज्यों में. न्यायमूर्ति ओका ने टिप्पणी की, 'अधिनियम का पूर्ण रूप से पालन नहीं हो रहा है. कृपया दिखाएं कि इस अधिनियम के तहत कोई प्रभावी निर्देश जारी किया गया हो.'

केंद्र के प्रयासों से कोर्ट असंतुष्ट

केंद्र सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (ASG) ऐश्वर्या भाटी ने हलफनामे में बताया कि पराली जलाने से निपटने के लिए दिशा-निर्देश और परामर्श जारी किए गए हैं, लेकिन अदालत इन प्रयासों से संतुष्ट नहीं हुई. कोर्ट ने कहा, 'हवा में प्रदूषण है, आपने यह नहीं बताया कि इससे मुक्ति के लिए आपने NCR के राज्यों में क्या किया है.'

प्रवर्तन दल किए गए हैं तैनात

कोर्ट में पेश हुए CAQM के अध्यक्ष राजेश वर्मा ने बताया कि आयोग ने उप-समितियां बनाई हैं और प्रवर्तन दल तैनात किए गए हैं. उन्होंने बताया कि 1,099 औद्योगिक इकाइयों को बंद कर दिया गया है और तिमाही आधार पर बैठकें हो रही हैं. हालांकि, अदालत ने इन उपायों पर संदेह जताते हुए पूछा, 'हर साल हमें पराली जलाने की समस्या का सामना करना पड़ता है. क्या यह घट रही है या बढ़ रही है?'

वरिष्ठ वकील ने भी आयोग पर उठाए सवाल

वरिष्ठ वकील अपराजिता सिंह, जो अदालत की मित्र (अमिकस क्यूरी) के रूप में सहायता कर रही थीं, ने भी आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा, 'अधिनियम को लागू करने के लिए जो कदम उठाए जाने चाहिए थे, वह अभी तक नहीं उठाए गए हैं.' उन्होंने अदालत से आग्रह किया कि वह आयोग को कानून के तहत जवाबदेह ठहराए और पराली जलाने को रोकने के लिए ठोस कार्रवाई सुनिश्चित करे.

पिछली सुनवाई में भी आयोग को लगाई थी फटकार

इससे पहले, 27 अगस्त को, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और NCR के प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों को स्टाफ की कमी के कारण 'अप्रभावी' करार दिया था. कोर्ट ने कहा था कि आयोग को यह स्पष्ट करना होगा कि सर्दियों में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को नियंत्रित कैसे किया जाएगा. कोर्ट ने NCR के पांच राज्यों को निर्देश दिया था कि वे अपने प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों में खाली पदों को जल्द से जल्द भरें.

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